Dwarka Expressway : देश का सबसे छोटा एक्सप्रेसवे तैयार, दिल्ली से गुरुग्राम तक हवा में सफर
नई दिल्ली| (Dwarka Expressway) दिल्ली से गुरुग्राम आने-जाने वालों के लिए अच्छी खबर है| अगले सप्ताह से न तो जाम मिलेगा और न ही ऑफिस जाने में देरी होगी| मजे की बात ये है कि दिल्ली से गुरुग्राम तक पूरा सफर हवा में तय होगा, क्योंकि देश का सबसे छोटा और अपनी तरह का पहला अर्बन एक्सप्रेसवे बनकर तैयार हो चुका है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार यानी 11 मार्च को इस एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेंगे|
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी पिछले सप्ताह ऐलान कर दिया था कि द्वारका-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे (Dwarka Expressway) बनकर तैयार हो चुका है| पीएम मोदी 11 मार्च को इसका उद्घाटन करेंगे| इस एक्सप्रेसवे को दिल्ली और गुरुग्राम वालों के लिए लाइफलाइन माना जा रहा है| सोमवार से इसे आम आदमी के लिए खोल दिया जाएगा| इसके तैयार होने से दिल्ली-गुरुग्राम के बीच अभी लगने वाला घंटेभर का रास्ता 20 मिनट में तय हो जाएगा|
पीएम मोदी 11 मार्च यानी सोमवार को गुरुग्राम सेक्शन का उद्घाटन करेंगे, जिसका 99 फीसदी काम पूरा हो चुका है| हालांकि, इसे अभी तक नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) से क्लीयरेंस नहीं मिला है, लेकिन यह सारा काम इसी सप्ताह पूरा हो जाएगा| इस एक्सप्रेसवे के दिल्ली वाली हिस्से पर भी 90 फीसदी से ज्यादा काम पूरा हो चुका है| यानी यह एक्सप्रेसवे अब आम जनता की सेवा के लिए तैयार हो चुका है|
यह एक्सप्रेसवे दिल्ली के द्वारका को गुरुग्राम के खेड़की धौला से जोड़ता है| एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 18.9 किलोमीटर है, जिसमें से 10.1 किलोमीटर हिस्सा दिल्ली में और शेष हरियाणा में पड़ता है| इसके निर्माण पर कुल 9 हजार करोड़ रुपये का खर्चा आया है| एक्सप्रेसवे के 10.1 किलोमीटर वाले हिस्से पर अभी कुछ-कुछ निर्माण चल रहा है|
4 चरणों में तैयार हुआ एक्सप्रेसवे
द्वारका एक्सप्रेसवे को कुल 4 चरणों में तैयार किया गया है. पहला सेक्शन महिपालपुर से बिजवासन तक बना है, जो 5.9 किलोमीटर लंबा है| इसके बाद बिजवासन रेलवे ओवरब्रिज से दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर तक बनाया गया, जो 4.2 किलोमीटर का है| फिर दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर से बसाई आरओबी तक 10.2 किलोमीटर का हिस्सा बनाया गया है| आखिर में बसाई से खेड़की धौला इंटरचेंज तक 8.7 किलोमीटर का हिस्सा तैयार किया गया|
द्वारका एक्सप्रेसवे कई मायनों में काफी खास है| कुल 8 लेन के इस एक्सप्रेसवे पर गाड़ियां या तो हवा में चलेंगी या फिर जमीन के अंदर| इसकी चौड़ाई 34 मीटर है, जो सिंगल पिलर पर खड़ा है| हवा में तय होने वाले रास्ते की कुल लंबाई करीब 9 किलोमीटर है| एक्सप्रेसवे पर एंट्री पूरी तरह कंट्रोल में होगी और इसका इस्तेमाल सिर्फ तय किए गए एंट्री प्वाइंट से ही किया जा सकेगा|