छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: आबकारी विभाग के पूर्व सचिव गिरफ्तार, ACB की पूछताछ का दौर जारी
रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले मामले को लेकर जांच और पूछताछ का दौर जारी है। ईडी के बाद अब प्रदेश में कथित घोटाले को लेकर एसीबी और ईओडब्ल्यू जांच शुरू कर दी है। मामले को लेकर छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ACB और आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा EOW ने आबकारी विभाग के पूर्व विशेष सचिव को गिरफ्तार किया है। जिसकी जानकारी सरकारी अधिवक्ता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है।
छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाला को लेकर एसीबी के विशेष अभियोजन अधिकारी सौरभ पांडेय ने बताया कि आबकारी विभाग के पूर्व विशेष सचिव और छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के पूर्व प्रबंध निदेशक अरुण पति त्रिपाठी को राज्य में कथित शराब घोटाले में उनकी भूमिका के लिए बिहार से गिरफ्तार कर रायपुर लाया गया है। पांडेय ने बताया कि एसीबी/ईओडब्ल्यू की विशेष अदालत में त्रिपाठी को पेश किया गया जहा न्यायाधीश निधि शर्मा तिवारी ने त्रिपाठी को 18 अप्रैल तक हिरासत में भेज दिया है।
मामले को लेकर सौरभ पांडे ने बताया कि इसके अलावा विशेष अदालत ने कथित शराब घोटाले में रायपुर के महापौर और कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर तथा एक अन्य आरोपी अरविंद सिंह की हिरासत 18 अप्रैल तक बढ़ा दी। बतादें कि दोनों ही आरोपियों की रिमांड खत्म होने के बाद शुक्रवार को विशेष अदालत में पेश किया गया था। जहां जांच एजेंसियों ने तर्क देते हुए ढेबर और सिंह की हिरासत बढ़ाने की मांग की थी। उन्होने कहा था कि दोनों ने अब तक की पूछताछ में सहयोग नहीं किया है। इसलिए दोनों से पूछताछ करने के लिए थोड़ा और वक्त चाहिए।
बतादें कि छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले मामले में अनवर ढेबर और अरविंद सिंह के बाद त्रिपाठी को तीसरी बार गिरफ्तार किया गया है। कथित शराब घोटाले में जनवरी 2024 में एसीबी/ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में कांग्रेस के कई नेताओं और कंपनियों सहित 70 लोगों को आरोपी बनाया गया है। मामले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक रिपोर्ट के आधार पर ब्यूरो ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। ईडी ने पूर्व में दावा किया था कि कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने निजी और प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ मिलकर राज्य सरकार को नुकसान पहुंचाने और शराब के कारोबार में अपने लिए अवैध लाभ कमाने के लिए आपराधिक कृत्य किया था।