मरने वालों में 51.2 फीसदी की उम्र 60 से अधिक थी
कोविड-19 से मरने वालों की उम्रवार जानकारी दी
नई दिल्ली। कोरोना वायरस को लेकर भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इनमें से 51.2 फीसदी की उम्र 60 से अधिक थी। इनमें भी 42 फीसदी की उम्र 60 से 75 के बीच थी। 60 साल से कम उम्र के लोगों में इसका कम खतरा बताया जा रहा है लेकिन भारत में हुई मौतो में 34 फीसदी लोगों की उम्र 45 से 60 के बीच थी जबकि 14 फीसदी 45 साल से कम उम्र के थे। देश में अब तक कोरोनावायरस से 1,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मंत्रालय ने 6 अप्रैल को कोविड-19 से मरने वालों की उम्रवार जानकारी दी थी। तबसे कुल मौतों में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों की संख्या में 12 फीसदी की कमी आई है जबकि युवा आयु वर्ग के आंकड़े बढ़े हैं। 6 अप्रैल से देश में कोविड-19 के पुष्ट मामलों की संख्या 5,000 से बढ़कर 35,000 के करीब पहुंच चुकी है जबकि इस दौरान मृतकों की संख्या 130 से बढ़कर 1,000 के पार पहुंच गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के गुरुवार के आंकड़ों के मुताबिक कोविड-19 से मरने वाले 78 फीसदी लोगों को डायबिटीज, दिल और गुर्दे की गंभीर बीमारियां थीं। 6 अप्रैल को यह आंकड़ा 86 फीसदी था। मंत्रालय का कहना है कि एक पखवाड़े पहले की तुलना में अब कोविड-19 के संक्रमण से मुक्त होने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है और यह संख्या 13.1 फीसदी से बढ़कर 25.2 फीसदी हो गई है। केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक अब तक 1,075 लोगों की इस बीमारी के कारण मौत हुई है जबकि 8,372 लोग इससे उबर चुके हैं। इस तरह कुल मृत्यु दर 3.2 फीसदी है। मरने वालों में 65 फीसदी पुरुष और 35 फीसदी महिलाएं हैं। मंत्रालय के मुताबिक गुरुवार शाम 5 बजे तक देश में कोविड-19 के संक्रमितों की संख्या 33,610 थी जिनमें से 24,162 पुष्ट मामले थे। कोविड-19 के कारण जान गंवाने वालों में 45 से 60 साल के लोगों की अच्छी खासी संख्या है जबकि 14 फीसदी की उम्र 45 साल से कम है। कुल मौतों में 75 फीसदी से अधिक उम्र के लोगों की संख्या महज 9.2 फीसदी है। माना जा रहा है कि बुजुर्गों के लिए यह बीमारी बहुत खतरनाक है लेकिन इस आयु वर्ग के कम ही लोग इसका शिकार हुए हैं। केंद्र सरकार ने देश में कोरोना के पॉजिटिव मामलों का उम्रवार ब्योरा नहीं दिया है लेकिन 6 अप्रैल के आंकड़ों के मुताबिक युवाओं में इसके संक्रमण की दर अधिक थी। इसमें 21 से 40 वर्ष के लोगों की संख्या 42 फीसदी थी जबकि 32.8 फीसदी मरीज 41 से 60 की उम्र के थे।