शराब घोटाले मामले में ED की बड़ी कार्रवाई: टुटेजा-ढेबर समेत अन्य आरोपियों से जुड़ी 179 प्रॉपर्टी अटैच, 205 करोड़ की सपंत्ति जब्त
रायपुर। ED ने छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले से जुड़े आरोपियों की 205 करोड़ की संपत्ति अटैच कर दी है। अटैच संपत्तियों में बड़े होटल और बहुमंजिली इमारतें शामिल हैं। बताया गया है कि, ये संपत्तियों में से ज्यादातर राजधानी रायपुर के मुख्य स्थनों, जैसे स्टेशन रोड और शंकर नगर जैसे महंगे इलाके में हैं। जब्त प्रापर्टीज की कीमत लगभग 205 करोड़ बताई गई है।
ED की तरफ से दी गयी जानकारी के मुताबिक पूर्व IAS अनिल टुटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर सहित अन्य आरोपियों की ED रायपुर ने 18 चल और 161 अचल संपत्ति को जब्त किया गया है। संपत्ति का कुल मूल्य 205. 49 करोड़ है। आपको बता दें कि करीब 2000 करोड़ के शराब घोटाले में हाल ही में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, अनबर ढेबर सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था।ईडी ने मामले में आईपीसी, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर शराब घोटाले में एक नई ईसीआईआर दर्ज की है।
ED, Raipur has provisionally attached 18 movable and 161 immovable properties worth Rs. 205.49 Crore (approx.) belonging to Anil Tuteja, Ex-IAS, Anwar Dhebar and others in the ongoing investigation of liquor scam in the State of Chhattisgarh. pic.twitter.com/wK378rPXTq
— ED (@dir_ed) May 3, 2024
ईडी द्वारा कुर्क की गई संपत्तियों में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा की 14 संपत्ति को कुर्क किया गया है, जिनकी कीमत 15.82 करोड़ रुपये हैं। 115 संपत्तियां अनवर ढेबर की हैं, जिसकी कीमत 116.16 करोड़ है। 3 संपत्ति विकास अग्रवाल की हैं, जिसकी कीमत 1.54 करोड़ है। 33 प्रॉपर्टी अरविंद सिंह की हैं, जिसकी कीमत 12.99 करोड़ है. अरुण पति त्रिपाठी की 1.35 करोड़ रुपये की एक संपत्ति को जब्त किया गया है।
इसके अलावा, त्रिलोक सिंह ढिल्लों की 9 संपत्तियों को कुर्क किया गया है, जिसकी कीमत 28.13 करोड़ रुपये है। नवीन केडिया के 27.96 करोड़ रुपये के आभूषण भी कुर्क किए हैं। आशीष सौरभ केडिया/ दिशिता वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड की 1.2 करोड़ की संपत्ति और एक वाहन को कुर्क किया है, जिसकी कीमत 0.13 लाख है. अनवर ढेबर की कुर्क की गई संपत्तियों में उनकी फर्म ए ढेबर बिल्डकॉन के बैनर तले चल रहे होटल वेनिंगटन कोर्ट, रायपुर और एकॉर्ड बिजनेस टावर के नाम से एक कमर्शियल बिल्डिंग भी शामिल हैं। ED ने बताया कि 2017 में शराब की खरीद और बिक्री के लिए CSMCL बनाई गई थी, लेकिन सरकार बदलने के साथ ही ये सिंडिकेट के हाथ का एक टूल बन गई। आरोप है कि CSMCL से जुड़े कामों के लिए सारे कॉन्ट्रैक्ट इस सिंडिकेट से जुड़े लोगों को ही दिए जा रहे थे। ED का दावा है कि सिंडिकेट ने अवैध शराब की बिक्री से ‘बड़ा कमीशन’ कमाया, ये रकम अनवर ढेबर को दी गई और फिर उसने इसे राजनीतिक पार्टी तक साझा किया।