8300 करोड़ का फ्रॉड, बड़ी-बड़ी कंपनियों को ठगकर लिए जिंदगी के मजे, और अब…..
नई दिल्ली| भारतीय-अमेरिकी बिजनेसमैन ऋषि शाह को साढ़े सात साल जेल की सजा मिली है| शाह आउटकम हेल्थ (Outcome Health) के पूर्व अरबपति सह-संस्थापक हैं| उन पर ₹8,300 करोड़ ($1 बिलियन) धोखाधड़ी का आरोप था| अमेरिकी जिला न्यायाधीश थॉमस डर्किन ने इसे इतिहास के सबसे बड़े कॉर्पोरेट धोखाधड़ी मामलों में से एक बताते हुए यह सजा सुनाई| इस बड़ी कॉर्पोरेट धोखाधड़ी में गोल्डमैन सैक्स और गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट इंक जैसे निवेशक भी ठगे गए थे और इसने अमेरिकी बाजार तक को हिला दिया था|
एक रिपोर्ट के अनुसार, शाह को आउटकम हेल्थ का आइडिया तब आया, जब वे यूनिवर्सिटी में पढ़ते थे| इसे मूल रूप से कॉन्टेक्स्ट मीडिया हेल्थ के नाम से जाना जाता था और 2006 में स्थापित किया गया| इसका उद्देश्य डॉक्टरों के वर्किंग प्लेस पर टीवी लगाकर मरीजों को स्वास्थ्य विज्ञापन दिखाना था| शाह के साथ को-फाउंडर श्रद्धा अग्रवाल भी जुड़ गईं| कंपनी की वैल्यूएशन तेजी से बढ़ने लगी, क्योंकि उनका उद्देश्य मरीजों और स्वास्थ्य सेवा देने वालों के बीच कम्यूनिकेशन गैप को विज्ञापनों के माध्यम से पाटना था|
2010 के मध्य तक, आउटकम हेल्थ टेक और स्वास्थ्य सेवा में निवेश कराने वालों में एक बड़ा प्लेयर बन गया था| हाईटेक टेक्नोलॉजी को पारंपरिक हेल्थकेयर मार्केटिंग में मिलाने के वादे ने प्रमुख निवेशकों को आकर्षित किया| तेज वृद्धि के दौरान आउटकम हेल्थ ने बड़ा फंड और बड़ी संख्या में ग्राहक बना लिए थे| ऐसा करके शाह शिकागो के एक कॉर्पोरेट स्टार बन गए|
लेकिन इस चमकती दुनिया का सच स्याह काला था| अभियोजकों ने आरोप लगाया कि 38 वर्षीय ऋषि शाह, श्रद्धा अग्रवाल और मुख्य वित्तीय अधिकारी ब्रैड पुर्डी ने निवेशकों, ग्राहकों और उधारदाताओं के खिलाफ एक बड़े धोखाधड़ी योजना को अंजाम दिया| इसमें कंपनी की ऑपरेशनल और वित्तीय स्थिति को गलत तरीके से पेश किया गया| धोखाधड़ी के केंद्र में आउटकम हेल्थ द्वारा विज्ञापन की इन्वेंट्री को अधिक बेचना था, जबकि कंपनी इतना डिलीवर नहीं कर सकती थी| उसके बाद गलत आंकड़े गढ़े गए और स्कैम को अंजाम दिया गया|
इसने ग्राहकों को अपनी नेटवर्क साइज और एडवर्टाइजमेंट रीच के बारे में धोखा दिया| भ्रामक जानकारी और धोखाधड़ी वाले डेटा ने राजस्व वृद्धि की एक झूठी तस्वीर पेश की, जिसने आगे निवेश को आकर्षित किया|
शाह ने फुल मजे की जिंदगी जी, क्योंकि विज्ञापन बिक्री और निवेशकों से मिलने वाले फंड से बड़ी रकम आ रही थी| रिपोर्टों में निजी जेट और यॉट्स के साथ विदेशी यात्राओं और $10 मिलियन के घर की खरीद का जिक्र किया गया| 2016 में शाह की कुल संपत्ति $4 बिलियन से अधिक थी, जिसका आधार धोखाधड़ी था| 2017 में वॉल स्ट्रीट जर्नल द्वारा एक मीडिया एक्सपोज़ के बाद यह धोखाधड़ी सामने आई|
बाद में, गोल्डमैन सैक्स, अल्फाबेट और गवर्नर प्रिट्जकर की फर्म सहित निवेशकों के एक समूह ने आउटकम हेल्थ के खिलाफ धोखाधड़ी के मुकदमे दायर किए| आरोप था कि उससे पिछले साल में कंपनी ने फ्रॉड करते हुए 487.5 मिलियन डॉलर का फंड उठाया था| फंड जुटाने की इस प्रक्रिया में ऋषि शाह और श्रद्धा अग्रवाल को $225 मिलियन का लाभ दिया, लेकिन निवेशकों को बड़ा नुकसान भी पहुंचाया|
शाह पर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के दर्जनों आरोप लगाए गए, और अप्रैल 2023 में उन्हें इन आरोपों में दोषी ठहराया गया| उनके साथ श्रद्धा अग्रवाल और पुर्डी भी दोषी ठहराए गए| अभियोजकों ने शाह के लिए 15 साल और उनके साथ साजिशकर्ताओं के लिए 10 साल की मांग की थी|
डिस्ट्रिक्ट जज डर्किन ने अंतिम फैसले में श्रद्धा अग्रवाल को तीन साल की सजा और पुर्डी को दो साल तीन महीने की सजा सुनाई| इसके अलावा, अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ने भी शाह, अग्रवाल, पुर्डी और पूर्व चीफ ग्रोथ ऑफिसर अशिक देसाई के खिलाफ नागरिक कार्रवाई की है| देसाई और अन्य आउटकम हेल्थ कर्मचारियों को पहले ही जूरी ट्रायल में दोषी ठहराया गया था|
बीमार शाह ने सजा के समय पछतावा व्यक्त किया और जिम्मेदारी स्वीकार की| उन्होंने स्वीकार किया कि वे आउटकम हेल्थ के अग्रेसिव विस्तार के प्रबंधन में विफल रहे और एक ऐसा कॉर्पोरेट कल्चर बनाया, जो धोखाधड़ी वाली प्रथाओं के माध्यम से चलाया गया उन्होंने कहा कि वह “दुर्व्यवहार से शर्मिंदा और लज्जित” हैं, जिसने कंपनी को नीचे गिरा दिया| उन्होंने स्वीकार किया, “मैंने एक ऐसा कल्चर बनाया, जिसने मेरी टीम के लोगों को यह सोचने की अनुमति दी कि ग्राहक के प्रश्न के उत्तर में झूठा डेटा बनाना ठीक है|”