RTI के दायरे में डीपीसी की प्रोसिडिंग : जीएडी ने आदेश जारी कर – कहा, दी जा सकती है, जानकारी, लेकिन…

रायपुर। सरकारी अफसरों की पदोन्‍नति का फैसला विभागीय पदोन्‍नति समिति (डीपीसी) करती है। समिति अफसरों की वार्षिक गोपनीय चरित्रवली (एसीआर) सहित अन्‍य पक्षों पर विचार करने के बाद किसी भी अफसर की पदोन्‍नति का फैसला करती है। इस दौरान किसी को पदोन्‍नत करने को लेकर समिति के सदस्‍यों की राय अलग-अगल होती है, यह सब कुछ प्रोसिडिंग में दर्ज होता है। यानी किसी अफसर को किस आधार पर प्रमोट किया गया है, यह प्रोसिडिंग देख कर जाना जा सकता है।

अफसरों के अनुसार पहले इस प्रोसिडिंग को सूचना का अधिकार (आरटीआई) के दायरे से बाहर रखा गया था। यानी आईटीआई में प्रोसिडिंग नहीं दी जाती थी, लेकिन 2014 में राज्‍य सूचना आयोग ने अपने एक फैसले में कहा कि गोपनीय चरित्रावली को छोड़कर बाकी जानकारी आरटीआई में दिया जाना चाहिए।

आयोग के इस फैसले के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार ने हाई कोर्ट में अपील। हाई कोर्ट का फैसला ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला दिया है। इसमें कोर्ट ने कहा कि डीपीसी में जिन अफसरों का प्रमोशन होने वाला, उन सभी से सहमति लेकर जानकारी आईटीआई में दी जा सकती है। अगर सभी सहमति देंगे तभी डीपीसी की प्रोसिडिंग आरटीआई में दी जा सकती है। किसी एक के भी असहमत होने पर वह जानकारी नहीं दी जा सकती।