हाईकोर्ट पहुंचा मछलियों की मौत का मामला, जानिए क्या बोले चीफ जस्टिस….. अगली सुनवाई 28 जुलाई को

बिलासपुर। शिवनाथ नदी में भाटिया शराब फैक्ट्री से छोड़े गए प्रदूषित पानी से लाखों मछलियों की मौत हो गई है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने इसे स्वत: संज्ञान में लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई प्रारंभ की है। सोमवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। प्रमुख पक्षकार के अधिवक्ता के जवाब के बाद नाराज चीफ जस्टिस ने कहा कि इतनी सारी मछलियां किसानों के पास कहां से आएगी। कोई मरी मछली को नदी में क्यों छोड़ेगा। चीफ जस्टिस ने भाटिया वाइन के अधिवक्ता से पूछा कि शिवनाथ नदी में आपके डिस्टलरी से पानी छोड़ा गया है ना। इस पर अधिवक्ता ने हां में जवाब दिया।

राज्य शासन की ओर से जवाब पेश करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारी ने डिवीजन बेंच को बताया कि एसडीएम बिल्हा ने इसे संज्ञान में लेते हुए पर्यावरण संरक्षण मंडल को पत्र लिखकर जांच के लिए कहा था। जांच कहां तक पहुंची और रिपोर्ट में किस बात की जानकारी दी गई है, विधि अधिकारी कोर्ट को इस संबंध में जवाब नहीं दे पाए। प्रमुख पक्षकार भाटिया वाइन मर्चेंट की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता ने कहा कि फैक्ट्री विधिवत अनुमति लेकर चलाई जा रही है। राज्य शासन के अलावा पर्यावरण संरक्षण मंडल के नियमों व शर्तों का पालन किया जा रहा है।

अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि शिवनाथ नदी में जो मछली मरी हुई पाई गई है आसपास के किसानों ने ही मरी मछली को नदी में डाल दिया है। अधिवक्ता ने इस मामले की जांच कराने की मांग कोर्ट से की है। अधिवक्ता के जवाब से चीफ जस्टिस नाराज हुए। मरी मछलियों की फोटो दिखाते हुए कहा कि इतनी सारी मछलियां किसान के पास कहां से आएगी। मरी मछलियां को किसान नदी में क्यों डालेगा। चीफ जस्टिस ने पूछा कि नदी में डिस्टलरी का पानी छोड़ा जा रहा है या नहीं। नदी में छोड़ा गया पानी डिस्टलरी का ही है ना। डिवीजन बेंच ने वाइन मर्चेंट को पक्षकार बनाने का निर्देश रजिस्ट्रार जनरल को दिया है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 जुलाई की तिथि तय कर दी है।

मुंगेली जिले में शिवनाथ नदी में लाखों मछलियां मरी हुई पाई गई हैं। वहीं, कुछ मवेशियों की भी जान गई है। इसकी वजह मोहभट्टा स्थित भाटिया शराब फैक्ट्री से निकलने वाले दूषित पानी को बताया जा रहा है। घटना को गंभीरता से लेते हुए हाई कोर्ट ने संज्ञान में लिया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के निर्देश पर रजिस्ट्रार जनरल ने जनहित याचिका के रूप में रजिस्टर्ड किया है। इस मामले में आबकारी, पर्यावरण के प्रमुख सचिव, मुंगेली कलेक्टर, एसपी और आबकारी उपायुक्त सहित सात अफसरों को पक्षकार बनाया है। रायपुर रोड पर मोहभट्टा धूमा स्थित भाटिया वाइंस के प्लांट से निकलने वाली घटिया क्वालिटी की स्पिरिट को शिवनाथ नदी में बहाया जा रहा है। इसी वजह से तीन दिन पहले लाखों मछलियां मर गईं। दूषित पानी पीने से कुछ मवेशी भी नदी में मरे मिले हैं। वहीं, मामले को दबाने के लिए भाटिया वाइंस प्रबंधन ने मजदूर भेजकर नदी की सफाई भी कराई।

आबकारी और पर्यावरण विभाग की टीम गांव पहुंची। पर्यावरण विभाग के अधिकारियों ने खजरी में जमा जहरीले पानी का सैंपल भी लिया।

तेज दुर्गंध, आंख और त्वचा में जलन की समस्या के बाद ग्रामीणों ने 31 मई 2023 को पर्यावरण विभाग में इसकी पहली शिकायत की थी। दूसरी शिकायत 18 अप्रैल 2024 को की गई। इसके बाद विभाग को पानी का सैंपल भी दिया गया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।

स्थानीय लोग नदी में मरी मछलियों को खाने के लिए घर ले जा रहे थे। इस दौरान ग्राम कोनी के युवक ज्ञान चंद वर्मा ने उन्हें जागरूक करने के लिए एक वीडियो बनाया। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर इसे प्रसारित किया गया। वीडियो के प्रसारित होने के बाद प्रशानिक अमले में हडकंप मचा। जिला प्रशासन के साथ ही पर्यावरण संरक्षण विभाग के अफसरों ने जांच पड़ताल शुरू की।

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