सीएम बोले- बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्य करें, बांधों के गेट खुलने पर ग्रामीणों को करें सूचित

भोपाल| मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोमवार को मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अनेक जिलों के कलेक्टर्स-कमिश्नर्स से प्रदेश में अतिवर्षा की स्थिति में आवश्यक प्रबंधों के संबंध में चर्चा कर निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि वर्षा काल में प्रदेश में कहीं भी जन हानि न हो, इसके लिए सभी कलेक्टर अपने नेतृत्व में जिलों में प्रशासनिक अमले को दायित्व सौंपे। बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्य करे। संबंधित अमला अलर्ट रहे और घटना-दुर्घटना के पूर्व आम जनता को आगाह भी किया जाए। सीएम ने कहा कि अतिवर्षा या बाढ़ की चुनौती से निपटने के लिए समन्वय में कोई कमी नहीं रहना चाहिए। लोगों की जीवन रक्षा के लिए कहीं सेना की जरूरत हो तो कलेक्टर समय पर बताएं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि लोक निर्माण विभाग ऐसे पुल-पुलियों की जानकारी संकलित करे, जहां दुर्घटनाएं पूर्व में हुई हैं, ऐसे रपटों और पुलों पर प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करे। पुलों पर पानी का भराव हो तो लोगों को न जाने दें। बांधों से पानी छोड़ें तो प्रभावित होने वाले जिलों को अलर्ट करें। तैराक दल भी ऐसे स्थानों पर उपलब्ध रहें। स्थानीय स्तर पर तालमेल रहे। जिलों और तहसीलों की परस्पर जानकारी रहे। अति वर्षा की स्थिति  और बाढ़ की चुनौती से प्रशासन को  निपटना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई जनहानि न हो, इसके लिए सजग रहें। निरंतर मॉनीटरिंग होती रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कंट्रोल रूम की ड्यूटी वाले अधिकारी-कर्मचारी 24 घंटे चैतन्य रहें। जरूरत के अनुसार स्काउट-गाइड और सेवा भावी संस्थाओं की सेवाएं अति वर्षा की स्थिति में प्राप्त करें।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हाल ही में जबलपुर, मंडला और कटनी जिलों में अति वर्षा से कुछ नागरिकों की असमय मृत्यु हुई है, जो पीड़ादायक है। ऐसी दुर्घटनाएं आगे न हों, यह सुनिश्चित किया जाए। जहां लोग पिकनिक मनाने के लिए जाते हैं, ऐसी नदियों तालाबों पर बचाव दल की आवश्यक व्यवस्था रखी जाएं। मुख्यमंत्री ने कुछ जिलों में अधिक वर्षा से हुई जनहानि को दुखद बताया। उन्होंने विशेष रूप से कटनी जिले में एक कुएं में गिरने से चार लोगों की मृत्यु पर भी दुख व्यक्त किया। इस प्रकरण में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रभावित परिवार को प्रति मृत व्यक्ति 4 लाख रुपये की राशि मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से मंजूर की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी दुर्घटनाएं नहीं होना चाहिए। खुले बोरवेल भी बंद हों। ऐसी लापरवाही से किसी की जान जा सकती है। अतः इस संबंध में नागरिक स्वयं सजग रहें और प्रशासनिक अमला भी सक्रिय सजग रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सावन के महीने में मंदिरों में श्रद्धालुओं का आना- जाना निरंतर होता है। इसका जिला वार आकलन किया जाए। त्यौहारों पर नागरिकों के धर्म स्थलों पर जाने के मार्ग और अथवा उन स्थानों पर भी आवश्यक सुरक्षा आवश्यक है, जो धर्मस्थल जल स्रोतों के पास या नदियों के पास हैं। ऐसी जगहों पर जहां जल स्तर बढ़ सकता है, वहां सुरक्षा की दृष्टि से निरंतर नजर रखी जाए।