नीट पेपर लीक पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, कहा- पेपर लीक केवल पटना और हजारीबाग तक ही सीमित
Supreme Court NEET News: राष्ट्रीय प्रवेश-सह पात्रता परीक्षा (NEET)-UG 2024 के पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना विस्तृत फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने कहा कि पूरी परीक्षा में व्यापक गड़बड़ी के सबूत नहीं मिले हैं और पेपर लीक केवल पटना और हजारीबाग तक ही सीमित था।
23 जुलाई को 40 याचिकाओं पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज सुनाया गया है। कोर्ट ने कहा, “सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि यह एक व्यवस्थित उल्लंघन नहीं है। पेपर लीक का असर हजारीबाग और पटना तक ही सीमित है।”
सुप्रीम कोर्ट ने NEET की दोबारा परीक्षा की मांग को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा, “हमने ढांचागत खामियों की ओर ध्यान दिया है। पेपर लीक व्यापक स्तर पर नहीं हुआ है। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) को आगे के लिए ध्यान रखना चाहिए। इस तरह की लापरवाही से बचना चाहिए।”
कोर्ट ने विशेषज्ञ समिति से 8 बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है। मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने कहा, “सरकार द्वारा गठित समिति के कार्यक्षेत्र पर हमने कहा है कि इसमें मूल्यांकन समिति शामिल होगी। साथ ही, मानक संचालन प्रक्रिया (SOP), परीक्षा केंद्र आवंटित करने की प्रक्रिया की समीक्षा, पहचान जांच बढ़ाने की प्रक्रिया, परीक्षा केंद्रों की CCTV निगरानी, प्रश्नपत्रों में हेरफेर रोकने के लिए लॉजिस्टिक प्रणाली को सुरक्षित करना और एक मजबूत शिकायत निवारण तंत्र की स्थापना करनी होगी।”
23 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने NEET की परीक्षा दोबारा कराने से इनकार किया था। कोर्ट ने कहा था, “पूरी परीक्षा में गड़बड़ी होने के पर्याप्त सबूत नहीं है। रिकॉर्ड में ऐसी कोई सामग्री नहीं है जो यह दर्शा सके कि परीक्षा के परिणाम दूषित थे या संचालन में कोई प्रणालीगत उल्लंघन हुआ था।”
मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 13 लोगों के खिलाफ पहला आरोप पत्र दायर किया है। इसमें पेपर लीक के सरगना और बिचौलियों से लेकर अभ्यर्थी और उनके अभिभावक तक आरोपी बनाए गए हैं।
NEET-UG परीक्षा 5 मई को हुई थी। उस दौरान 8 फर्जी परीक्षार्थी पकड़े गए थे। परीक्षा वाले दिन पटना से जले हुए प्रश्न पत्र भी बरामद किए गए थे। जब परिणाम जारी हुआ तो उसमें रिकॉर्ड 67 उम्मीदवारों ने ऑल इंडिया रैंकिंग (AIR-1) हासिल की थी। सभी के 720 में से 720 अंक आए थे। इसके बाद पूरे देश में परीक्षा की निष्पक्षता को लेकर हंगामा हो गया था और सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थीं।