एजाज ढेबर की याचिका पर सरकार को नोटिस: रायपुर के महापौर ने सरकार के इस फैसले को दी है चुनौती

Bilaspur High Court: बिलासपुर। रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी जवाब मांगा है। महापौर ढेबर ने रायपुर नगर निगम के वार्डों के परिसीमन के लिए नगर निगम व जिला प्रशासन द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया को चुनौती दी है। परिसीमन की प्रक्रिया पर रोक लगाने और पूर्व की भांति चुनाव कराने की मांग की है।

रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर ने पूर्व महाधिवक्ता व सीनियर एडवोकेट सतीश चंद्र वर्मा के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर वार्डों के परिसीमन को चुनौती दी है। याचिका में कहा है कि राज्य शासन ने वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर परिसीमन की प्रक्रिया को पूरी करने का निर्देश दिया है। न 2014 व 2019 में भी वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर परिसीमन की प्रक्रिया को प्रदेशभर के निकायों में पूरी की गई थी। इसी आधार पर चुनाव प्रक्रिया भी सम्पन्न कराया गया था।

याचिका में आरोप लगाया है कि राज्य में सत्ता परिवर्तन के साथ ही सत्ताधारी दल द्वारा राजनीतिक लाभ लेने के लिए परिसीमन की राजनीति की जा रही है। परिसीमन के बहाने बीते निकाय चुनाव में जिन वार्डों में भाजपा पराजित हो गई थी उन वार्डों को मजबूत करने का काम किया गया है। राजनीतिक लाभ के लिए वार्ड परिसीमन के चलते शासन कीअधिसूचना का कोई अर्थ नहीं रह गया है। याचिका के अनुसार वार्डों का नए सिरे से परिसीमन के कारण यहां रहने वाले लोगों के सामने कई तरह की परेशानियां सामने आएंगी। मसलन पता बदल जाएगा।

एक बार जब पता बदलता है तो कई स्तर पर उसे सुधार कराने की जरुरत पड़ती है। सबसे पहले आधार कार्ड,पेन कार्ड और बैंक अकाउंट में पता बदलना होगा। पोस्टल एड्रेस बदलने से सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ेगा। मामले की सुनवाई जस्टिस पीपी साहू के सिंगल बेंच में हुई। प्रकरण की सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। राज्य शासन ने जवाब पेश करने के लिए समय मांग लिया है। अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने दो सप्ताह बाद का समय तय किया है|

बिलासपुर नगर निगम के वार्डों के परिसीमन को चुनौती देते हुए पूर्व विधायक शैलेष पांडेय व शहर कांग्रेस कमेटी के अंतर्गत आने वाले चार ब्लाक कमेटी के अध्यक्षों ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से राज्य शासन द्वारा वार्ड परिसीमन को लेकर दायर अधिसूचना को चुनौती दी है। हाईकोर्ट में पूर्व विधायक की नई याचिका रजिस्टर्ड हो गई है। गुरुवार को नई याचिका पर सुनवाई होगी। नई याचिका में आधार वर्ष 2011 की जनगणना को ही बनाया है। अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका में कहा है कि राज्य सरकार ने इसके पहले वर्ष 2014 व 2019 में भी वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर परिसीमन का कार्य किया है। जब आधार एक ही है तो इस बार क्यों परिसीमन का कार्य किया जा रहा है। गुरुवार को इस मामले की सुनवाई जस्टिस पीपी साहू के सिंगल बेंच में होगी|

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