महादेव बेटिंग ऐप को लेकर दर्ज मामलों को CBI के हवाले कर सकती है छत्तीसगढ़ सरकार, तगड़े संकेत

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार महादेव बेटिंग ऐप के संबंध में दर्ज मामलों को सीबीआई को सौंप सकती है। छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार महादेव बेटिंग ऐप को लेकर दर्ज मामलों को सीबीआई को सौंपने पर विचार कर रही है। बता दें कि कथित घोटाले से संबंधित लगभग 70 मामले राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) और विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज किए गए हैं। शर्मा ने कहा कि इस बारे में अधिक जानकारी अगले कुछ दिनों में साझा की जाएगी। मालूम हो कि शर्मा के पास सूबे का गृह विभाग भी है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 23 अगस्त से छत्तीसगढ़ के तीन दिवसीय दौरे पर आने वाले हैं। इस दौरान उनसे इन मामलों को सीबीआई के हवाले किए जाने के मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पिछले एक साल से भी अधिक समय से महादेव ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की जांच कर रहा है। ये मामले पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान सामने आए थे।

छत्तीसगढ़ में भाजपा के सत्ता में आने के बाद, ईओडब्ल्यू ने ईडी की सौंपी रिपोर्ट के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की थी। ईओडब्ल्यू की एफआईआर में पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल, ऐप के प्रमोटर रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी और अनिल कुमार अग्रवाल और 14 अन्य को आरोपी बनाया गया था। बघेल ने ईओडब्ल्यू की एफआईआर को राजनीति से प्रेरित करार दिया था। ईडी ने आरोप लगाया है कि उसकी जांच में छत्तीसगढ़ के कई उच्च पदस्थ राजनेताओं के साथ नौकरशाहों की संलिप्तता भी सामने आई है। सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल छत्तीसगढ़ से हैं। ईडी ने अब तक इस मामले में कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। ईडी का कहना है कि अपराध की अनुमानित आय लगभग 6,000 करोड़ रुपये है।

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