अक्षत अग्रवाल हत्याकांड : ऐसी उलझी गुत्थी, चक्करा गया पुलिस वालों का माथा
सरगुजा। सरगुजा के अक्षत अग्रवाल हत्याकांड मामले में आरोपी संजीव मंडल उर्फ भानू बंगाली के बयान ने पुलिस को उलझन में डाल दिया है। हालांकि संजीव लगातार अपने बयान को दोहरा रहा है। पुलिस को शक है कि कहीं पर्दे के पीछे कोई और तो नहीं। बयान की सच्चाई जानने और अपनी आशंका को पुख्ता करने के लिए संजीव का पुलिस अब नार्को, ब्रेन मेपिंग और लाई डिटेक्टर टेस्ट कराएगी। अंबिकापुर कोर्ट ने इसके लिए आवश्यक औपचारिक अनुमति दे दी है।
21 अगस्त को अंबिकापुर के व्यवसायी अंबिका स्टील के संचालक के बेटे अक्षत अग्रवाल का शव उनके ही वाहन में मिला था। पुलिस ने हत्या के आरोपी के रुप में संजीव मंडल को गिरफ़्तार किया। संजीव मंडल ने हत्या में इस्तेमाल किया हथियार, रक़म और जेवर पुलिस को बरामद कराया। हत्या की वजह के रुप में बताया कि, मृतक अक्षरों खुद अपनई हत्या की सुपारी उसे ही दी थी। संजीव मंडल के इस बयान को पुलिस सहजता से स्वीकार कर पाई और ना ही मृतक अक्षत के परिजन। परिजनों ने तो संजीव के इकबालिया बयान को सिरे से ही ख़ारिज कर दिया।
संजीव मंडल को तीन दिन के रिमांड पर लेकर पुलिस ने फिर से पूछताछ की। संजीव अपने उसी बयान को दोहराया जो हत्या के बाद पुलिस को दिया था।संजीव के बयान की सच्चाई जानने के लिए लाई डिटेक्टर टेस्ट, ब्रेन मेपिंग टेस्ट और नार्को टेस्ट कराने पुलिस ने अदालत में आवेदन देकर मांग की थी। संजीव के बयान का हकीकत जानने पुलिस ने अब तकनीक का सहारा लेने का निर्णय लिया है। कोर्ट ने इसकी अनुमति भी दे दी है।
टेस्ट के लिए सम्बंधित की अनुमति जरूरी
कानूनी प्रावधन है कि नार्को टेस्ट के लिए यह अनिवार्य है कि सम्बंधित की सहमति ली जाए। पुलिस के लिए राहत की बात ये की आरोपी संजीव मंडल ने नार्को सहित सभी टेस्ट के लिए अपनी सहमति दे दी है।
रायपुर और गांधीनगर में होगा टेस्ट
संजीव के नार्को, लाई डिटेक्टर और ब्रेन मेपिंग टेस्ट के लिए सरगुजा पुलिस संजीव मंडल को रायपुर और गांधीनगर ले कर जाएगी। नार्को टेस्ट रायपुर में कराने के बाद ब्रेन मेपिंग और लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए संजीव को लेकरगांधीनगर जाएगी पुलिस।