5 क्रिकेटर जो करोड़पति होने के बाद रोड पर आ गए, पाई-पाई को हुए मोहताज
न्यूज रूम| क्रिकेट की दुनिया में ऐसे सैकड़ों खिलाड़ी हैं, जो फर्श से अर्श पर पहुंचे| ऐसे क्रिकेटर जो करियर की शुरुआत में मुश्किलों से गुजरे, लेकिन एक बार कामयाबी के सफर में चले तो करोड़पति हो गए| कामयाब करियर के बाद अब वे पैसों से खेलते हैं| लेकिन क्या आप ऐसे क्रिकेटरों को जानते हैं जो करियर की ऊंचाई पर पहुंचे| दुनिया में अपना नाम बनाया| करोड़ों की प्रॉपर्टी बनाई| करोड़ों फैंस बनाए| लेकिन बाद में किसी कारण से गर्दिशों में चले गए| ऐसे ही 5 क्रिकेटर जिनका जीवन अब संघर्षों में बीत रहा है| कह सकते हैं कि करोड़ों में खेलने वाले ये क्रिकेटर अब पाई-पाई को मोहताज हैं|
न्यूजीलैंड के सबसे कामयाब क्रिकेटरों की जब भी लिस्ट बनती है तो क्रिस केर्न्स का नाम जरूर आता है| अपने जमाने के स्टायलिश क्रिकेटरों में शुमार क्रिस केर्न्स बैट और बॉल दोनों से ही मैच विनर रहे| उनकी गिनती अपने जमाने के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर्स में होती थी| हालांकि, करियर के ढलान पर उनका नाम विवादों में आने लगा| खासकर रिटायरमेंट के बाद तो उन पर मैच फिक्सिंग के आरोप लगे| ब्रेंडन मैक्कुलम ने भी ऐसे आरोप लगाए| हालांकि, जब आईपीएल के पहले चेयरमैन ललित मोदी ने क्रिस केर्न्स पर मैच फिक्सिंग के आरोप लगाए तो उन्होंने कोर्ट का रुख किया और केस भी जीता| 2006 में संन्यास लेने वाले क्रिस केर्न्स ने रिटायरमेंट के बाद डायमंड का कारोबार शुरू किया, जिसमें उन्हें नुकसान झेलना पड़ा| उनकी माली हालत इतनी खराब हो गई कि उन्हें परिवार पालने के लिए ड्राइविंग और ट्रक धोने का काम करना पड़ा| क्रिस केर्न्स की सेहत भी खराब रहने लगी| न्यूजीलैंड का यह क्रिकेटर आज भी कैंसर से जूझ रहा है|
विनोद कांबली 1990 के दशक में भारत के सबसे कामयाब क्रिकेटरों में शुमार थे| सचिन तेंदुलकर से उनकी दोस्ती और तुलना हर जबां पर होती थी| लेकिन खराब फॉर्म और चोट के चलते करियर गड़बड़ा गया| साल 2000 में उन्होंने भारत के लिए अपना आखिरी मैच खेला| विनोद कांबली रिटायरमेंट के बाद भी चर्चा में बने रहे| हालांकि, अक्सर वे किसी ना किसी विवाद के कारण चर्चा में आए| उन्होंने सचिन तेंदुलकर पर दोस्ती ना निभाने के आरोप लगाए| उन पर अनुशासनहीनता के आरोप भी लगते रहे| धीरे-धीरे उनकी आर्थिक स्थिति खराब होती चली गई|
पाकिस्तान के अरशद खान ने अपने देश के लिए 58 वनडे और 9 टेस्ट मैच खेले| किसी भी क्रिकेटर के लिए अपने देश के लिए खेलना ही कामयाबी का चरम माना जा सकता है| जिसने 50 से ज्यादा मैच अपने देश के लिए खेले हों, उसकी गिनती तो हर हाल में कामयाब क्रिकेटरों में होगी| निश्चित तौर पर पाकिस्तानी स्पिनर अरशद खान के लिए भी यही बात लागू होगी| हालांकि, इस कामयाब करियर के बावजूद अरशद खान की आर्थिक स्थिति खराब रही और उन्हें बेहतर जिंदगी के लिए ऑस्ट्रेलिया में जाकर टैक्सी चलाना पड़ा| बाद में जब उनकी तस्वीर टैक्सी चलाते हुए आई तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें याद किया और महिला क्रिकेट टीम का बॉलिंग कोच बनाया गया था|
ऑस्ट्रेलिया को 1987 में पहला वर्ल्ड कप जिताने में तेज गेंदबाज क्रेग मैक्डरमट का सबसे बड़ा हाथ था| वे 1980 और 1990 के दशक में अपने देश के सबसे कामयाब क्रिकेटरों में शुमार थे| तब किसी ने नहीं सोचा था कि रिटायरमेंटट के बाद क्रेग मैक्डरमट को ऐसे दिन देखने पड़ेंगे| क्रिकेट से बिजनेस का रुख करने वाले क्रेग मैक्डरमट 2008 की मंदी के दौरान दिवालिया हो गए थे| उन्होंने तब बताया था कि उनकी कंपनी पर कम से कम 40 मिलियन डॉलर का कर्ज है| क्रेग मैक्डरमट के संकट में घिरने के बाद ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट ने उनकी मदद की और उन्हें 2011 में टीम का बॉलिंग कोच बना दिया|
न्यूजीलैंड के मैथ्यू सिंक्लेयर का जीवन भी अर्श से फर्श की कहानी कहता है| 1999 में इंटरनेशनल करियर की शुरुआत करने वाले इस क्रिकेटर के शुरुआती साल बेहद चमकदार रहे| उन्होंने दोहरा शतक बनाया और न्यूजीलैंड के कामयाब ओपनर में अपना नाम लिखाया| लेकिन उनके करियर के आखिरी साल वैसे नहीं, रहे, जैसी शुरुआत थी| साल 2013 में क्रिकेट को अलविदा कहने वाले इस क्रिकेटर को बाद में कई परेशानियां झेलनी पड़ी| बाद में वे रियल स्टेट कंपनी में नौकरी करने लगे|