नौकरी को लेकर डीएलएड डिग्री वालों का राजधानी में 3 दिन का धरना, पुलिस ने दी सशर्त अनुमति

रायपुर। डीएलएड डिग्री धारियों के द्वारा रोजगार की मांग को लेकर तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन राजधानी रायपुर में किया जाएगा। पिछले दिनों डीएलएड प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने न्याय देने की मांग करते हुए न्याय यात्रा प्रदेश के विभिन्न जिलों में निकाली थी और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा था। अब मांगे पूरी नहीं होने पर तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन राजधानी के तूता स्थित धरना प्रदर्शन स्थल पर किया जाएगा। जिसके लिए पुलिस ने सशर्त अनुमति दी हैं। हालांकि अभ्यर्थियों ने अनिश्चितकालीन धरने की बात कही थी पर प्रशासन ने 3 दिन की अनुमति दी है।

सहायक शिक्षक के पदों पर बीएड डिग्रीधारियों को दी गई नियुक्ति को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के अलावा सुप्रीम कोर्ट ने भी अवैध ठहरा दिया है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी अब तक बीएड अभ्यर्थियों की जगह डीएलएड डिग्रीधारियों को नियुक्ति नहीं दी गई है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नौकरी जाने के डर से बीएड अभ्यर्थियों ने सीएम से कोई रास्ता निकालने की मांग की थी। जिस पर सीएम ने उन्हें कोई वैकल्पिक व्यवस्था करने का आश्वासन दिया था।

अब तक डीएड अभ्यर्थियों को बीएड अभ्यर्थियों की जगह सहायक शिक्षक के पदों पर नियुक्ति नहीं दी गई है। इसके अलावा स्कूलों में और भी पद सहायक शिक्षक के रिक्त हैं। पिछले दिनों बिलासपुर के अंबेडकर चौक से डीएड प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने न्याय देने की मांग करते हुए न्याय यात्रा निकाली। नारेबाजी करते हुए बेरोजगार युवाओं मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा था। इसी तरह का प्रदर्शन अन्य जिलों में भी किया गया था। अभ्यर्थियों की मांग थी कि युक्तियुक्तकरण के नाम पर प्रदेश के हजारों स्कूलों को बंद करने का फैसला निरस्त किया जाए। स्कूल शिक्षा विभाग के 2008 के सेटअप कोई यथावत रखकर नई भर्ती की कार्यवाही शुरू की जाए। प्रदेश के स्कूलों में छत्तीसगढ़ी में पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा धारियों के लिए पोस्ट क्रिएट कर भर्ती की जाए। भर्ती प्रक्रिया के लंबे समय तक नहीं होने पर उम्र सीमा बीत चुके अभ्यर्थियों को अधिकतम आयु सीमा में छूट दी जाए।

डीएलएड प्रशिक्षित युवाओं का कहना है कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में 57 हजार शिक्षकों की भर्ती की बात विधानसभा चुनाव के दौरान कही थी। जिसके चलते हमने बड़ी संख्या में भाजपा पार्टी के प्रत्याशियों को वोट दिया और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी। तत्कालीन स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भी 33 हजार शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की थी,पर भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई। आंदोलनकारियो ने बताया कि पिछले 1 सालों से हम मानसिक यातना और बेरोजगारी से जूझ रहे हैं। 2 अप्रैल 2024 को हाईकोर्ट और 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और विभाग को आदेशित किया है कि संविधान और न्यायालय का सम्मान कर योग्य डीएड डिग्रीधारियों को नियुक्ति दी जाए। अभ्यर्थियों ने कहा कि साल भर की लड़ाई लड़ने के बाद जीत हासिल होने के बाद भी नियुक्ति नहीं मिल पाई है। उन्होंने नियुक्ति देने की मांग की थी। अब इन्हीं मांगों को पूरा करने के लिए 2,3,4 अक्टूबर को राजधानी के तूता स्थल धरना प्रदर्शन स्थल पर धरना दिया जाएगा।

अभ्यर्थियों के लिए धर्मशाला में व्यवस्था

राजधानी में तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन के लिए प्रदेश भर से डीएलएड प्रशिक्षित अभ्यर्थी राजधानी रायपुर पहुंच रहे हैं। कई अभ्यर्थी आज भी पहुंच चुके हैं। उनके रुकवाने के लिए राजधानी रायपुर के धरना प्रदर्शन स्थल तूता के पास धर्मशाला किराए पर लेकर अभ्यर्थियों के रुकने की व्यवस्था की गई है।

इन शर्तों के तहत मिली अनुमति

प्रदर्शन कार्यों को जिला प्रशासन की तरफ से पुलिस के प्रतिवेदन के आधार पर 9 शर्तों के अधीन धरना प्रदर्शन की अनुमति मिली है। तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन हेतु जारी की गईं शर्तें निम्न हैं:–

1–आयोजन का स्थल तूता नया रायपुर स्थित धन्ना प्रदर्शन स्थल होगा एवं समय सुबह 10:00 बजे से संध्या 5 बजे तक होगा एवं धरना स्थल पर ज्ञापन सौंपेंगे।

2– आयोजन में शामिल होने वाले सदस्य कानून व्यवस्था का पालन करेंगे

3–आंदोलन में शामिल होने वाले सदस्य किसी प्रकार यातायात बाधित नहीं करेंगे।

4– आयोजन में शामिल सदस्य धरना स्थल परिसर के अतिरिक्त अन्य किसी भी जगह धरना प्रदर्शन कार्यक्रम नहीं करेंगे।

5– किसी भी परिस्थिति में रैली की अनुमति नहीं होगी।

6– धरना में ज्ञापन सौंपने के पश्चात धरना स्थल को शीघ्र रिक्त किया जाना अनिवार्य होगा।

7– किसी परिस्थिति में कार्यालय/निवास घेराव ) की अनुमति नहीं होगी।

8– शपथ पत्र में उल्लेखित समस्त शब्दों का पालनअनिवार्य होगा।

9– शर्तों के उल्लंघन की दशा में यह अनुमति स्वमेव निरस्त मानी जावेगी तथा विधि अनुकूल कार्यवाही की जावेगी।