कवर्धा के लोहारिडीह कांड का मामला, न्यायिक जांच में नहीं मिला एक भी सबूत, अब आगे क्या होगा जानें
कवर्धा| कवर्धा के लोहारिडीह कांड की जांच को लेकर नया अपडेट आया है। सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए थे। लेकिन न्यायिक जांच की जिम्मेदारी निभा रहे अधिकारी को तय समय में एक भी प्रमाण नहीं मिले हैं। जिसे लेकर अब यह माना जा रहा है कि पुलिस के पास मौजूद साक्ष्य के आधार पर ही जांच की जाएगी।
दरअसल, कवर्धा के लोहारिडीह कांड की जांच के लिए सरकार ने 20 सितंबर को न्यायिक जांच की घोषणा की थी। इस जांच समिति की जिम्मेदारी जिले के अतिरिक्त कलेक्टर निर्भय साहू को सौंपा गया था। जिसके बाद जांच अधिकारी ने 24 सितंबर से 4 अक्टूबर तक घटना से संबंधित मौखिक, ऑडियो और वीडियो जैसे साक्ष्य प्रस्तुत करने की तिथी तय किया था लेकिन चौंकाने वाली बात सामने आई है कि साक्ष्य प्रस्तुत करने की तिथी निकल गयी लेकिन किसी भी व्यक्ति ने कोई प्रकार का साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया।
ऐसे में अब जांच समिति को अन्य साक्ष्य के सहारे जांच करना होगा। वहीं जांच समिति को अब कड़ी मशक्कत करना पड़ सकता है। जांच समिति के प्रमुख अधिकारी अतिरिक्त कलेक्टर निर्भय साहू ने बताया कि अब पुलिस के पास मौजूद साक्ष्य के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जाएगा।
आपको बता दें कि सरकार ने इस घटना को लेकर न्यायिक जांच और जांच रिपोर्ट 30 दिनों में प्रस्तुत करने को कहा था। 15 सितंबर को रेंगाखार थाना के लोहारिडीह कांड हुआ था।
बता दें कि लोहारीडीह में 15 सितंबर को लोहारीडीह निवासी शिवप्रकाश उर्फ कचरू साहू की हत्या के संदेह में गांव वालों ने उप सरपंच रघुनाथ साहू के घर में आग लगाकर जिंदा जला दिया गया था। इस मॉब लिचिंग मामले के आरोपी प्रशांत साहू (27) की 18 सितंबर की सुबह न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी।