5 सूत्रीय मांगों को लेकर 1.80 लाख शिक्षक फिर हड़ताल पर, कक्षा पहली से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई रही ठप्प

रायपुर। छत्तीसगढ़ में अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर शिक्षक आज हड़ताल पर रहे। इस दौरान उन्होंने जिला स्तर पर प्रदर्शन कर अपनी मांगों की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया। इसी के साथ ही सभी जिला मुख्यालयों पर अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन भी सौंपा। शिक्षकों की हड़ताल से स्कूलों में शैक्षणिक कामकाज पूरी तरह से ठप्प रहा। स्कूलों में तालाबंदी जैसी स्थिति रही। अपनी मांगों को लेकर शिक्षकों ने आज हड़ताल पर जाने का ऐलान किया था। प्रदेश में करीब 1.80 लाख शिक्षक हैं।

गौरतलब है कि अपनी मांगों को लेकर शिक्षक इसके पहले भी कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं। शिक्षक संघ का कहना है कि सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस पहल उनकी मांगों को लेकर नहीं की गई है। जिसके कारण मजबूर होकर छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा को पूरे प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय में एक दिवसीय प्रदर्शन करने के लिए मजबूर है। प्रदर्शन की वजह से कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक की कक्षाएं प्रभावित हुई। हड़तालरत् शिक्षकों का कहना है कि संविलियन के बाद उनकी सालों पुरानी सेवा को शून्य किया गया है। इससे शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है। पुरानी सेवावधि के शून्य करने के चलते त्रिस्तरीय क्रमोन्नति, समयमान वेतनमान से वंचित हो गए हैं। साथ ही ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ नहीं मिल पाएगा। इतना ही नहीं ग्रेज्युटी, कैशलीव जैसी सुविधाओं में भी आंशिक लाभ मिलेगा। पुरानी सेवा गणना नहीं होने से वेतन विसंगतियां भी शिक्षक एल बी संवर्ग के वेतनमान में आने से शिक्षकों में आक्रोश है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि पूरे प्रदेश में शिक्षक से लेकर प्राचार्य तक के लगभग 30 हज़ार पद रिक्त पड़े हुए हैं, जिसमें सरकार द्वारा आज तक कोई भर्ती नहीं हुई है। छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा में ऐसे लोग शामिल हैं, जिनकी 1998 में शिक्षा कर्मी के रूप में नियुक्ति हुई थी। साल 2018 में उनका शिक्षा विभाग में संविलियन कर दिया गया और उन्हें भी शिक्षक का दर्जा मिल गया, लेकिन नियमित और रेगुलर शिक्षकों को जो सुविधाएं मिलती है, उसी तरह की सुविधा इन सहायक शिक्षकों को आज भी नहीं मिल रही है।

जिला मुख्यालयों में किया प्रदर्शन
हड़ताल के तहत प्रदेशभर के सभी जिला मुख्यालयों में शिक्षकों ने धरना-प्रदर्शन देकर सरकार का ध्यान अपनी मांगों की ओर आकर्षित कराया। शिक्षकों ने बताया कि वेतन विसंगति दूर करने मोदी की गारंटी में वर्तमान सरकार ने संकल्प पत्र में लिखा था। इसी तरह प्रमुख पांच मांगों को लेकर प्रदेश के शिक्षक 24 अक्टूबर यानी आज धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर बड़ा धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। इस आंदोलन में शिक्षकों के प्रमुख संगठन एक मंच पर आए हैं। यह आंदोलन शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले जारी है। छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा प्रांत संचालक वीरेंद्र दुबे ने जानकारी दी कि शिक्षा विभाग में संविलियन के बाद संविलियन से पहले की सेवा अवधि को शून्य कर दिया गया है। इससे शिक्षक कई लाभ से वंचित हो रहे हैं। पूर्व सेवा की गणना न हो पाने से क्रमोन्नति, पुरानी पेंशन के पूर्ण पेंशन से ये शिक्षक वंचित रह जाएंगे। समयमान वेतनमान के आधार पर वेतन निर्धारण नहीं हुआ है, इससे वेतन विसंगति आई है। मोदी की गारंटी में सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति को दूर करने का वादा है, लेकिन इसे पूरा नहीं किया जा रहा है।

ये है 5 सूत्रीय मांगें

  • मोदी की गारंटी में सहायक शिक्षक की वेतन विसंगति को दूर किया जाए। सभी एलबी संवर्ग को क्रमोन्नत वेतनमान दिया जाए।
  • पुनरीक्षित वेतनमान में सही वेतन का निर्धारण हो और 1.86 के गुणांक पर वेतन का निर्धारण सरकार द्वारा किया जाए।
  • पूर्व सेवा अवधि की गणना हो, सभी शिक्षक को पुरानी पेंशन को निर्धारित करें, भारत सरकार द्वारा 2 सितंबर 2008 के आदेश के समान 33 वर्ष में पूर्ण पेंशन के स्थान पर 20 वर्ष में पूर्ण पेंशन का प्रावधान हो।
  • उच्च न्यायालय बिलासपुर ने आदेश पारित किया था, उसके तहत सभी पात्र शिक्षकों की क्रमोन्नति समयमान विभागीय आदेश जारी हो।
  • शिक्षक और कर्मचारियों को केंद्र के समान 1 जुलाई 2024 से 3 फीसद महंगाई भत्ता प्रदान किया जाए। जुलाई 2019 से देयतिथि पर महंगाई भत्ते का एरियर का समायोजन जीपीएफ और सीजीपीएफ खाते में हो।

1 नवंबर से चरणबद्ध आंदोलन
शिक्षक संगठनों ने राज्य स्थापना दिवस 1 नवंबर से प्रदेशभर में चरणबंद आंदोलन का शंखनाद किया है। इसके तहत 1 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर प्रदेश भर के शिक्षक दीप जलाकर अपनी सेल्फी फोटो सहित समस्त सोशल मीडिया और समाचार पत्रों में व्यापक प्रचार प्रसार करेंगे। अगले चरण में 11 नवंबर को छत्तीसगढ़ के 146 विकासखंड में मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम और तहसीलदार को ज्ञापन दिया जाएगा। 12 से 24 नवंबर तक मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्री, सांसद, विधायक, जिला जनपद और पंचायत स्तर के जन प्रतिनिधियों को पुरानी सेवा गणना करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौपा जाएगा। वहीं, 25 नवंबर को छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा प्रदेश भर के पदाधिकारी राजधानी रायपुर के इंद्रावती से महानदी भवन तक पैदल मार्च करते हुए मंत्रालय में ज्ञापन सौंपेंगे।

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