हाईकोर्ट का फैसला कहा उम्र अधिक होने के आधार पर शस्त्र लाइसेंस नहीं रोका जा सकता, जानें पूरा मामला
बिलासपुर| छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में शस्त्र लाइसेंस रद होने के मामले में फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई जस्टिस सचिन सिंह राजपूत ने करते हुए कहा कि उम्र अधिक होने के आधार पर शस्त्र लाइसेंस को रोका नहीं जा सकता है। कोर्ट ने मुंगेली कलेक्टर को आदेश प्राप्त होने के 30 दिन के अंदर लाइसेंस देने का आदेश दिया है।
बता दें, मामला मुंगेली के चंदखुरी थाना सरगांव का है। याचिकाकर्ता शंकरलाल अग्रवाल पर पुरानी रंजिश में गांव के लोगों ने हमला कर जान से मारने की धमकी दी। याचिकाकर्ता ने घटना की रिपोर्ट थाने में दर्ज करायी। इसके साथ उन्होंने आत्म रक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस के लिए भी आवेदन दिया।
पुलिस वेरिफिकेशन में शांतिप्रिय, साफ छवि और किसी तरह का कोई केस या क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं होने पर शस्त्र लाइसेंस दिए जाने की अनुशंसा कलेक्टर के समक्ष अधिकारियों ने की। मुंगेली कलेक्टर ने आवेदक की आयु 65 वर्ष होने का आधार बनाकर आवेदन निरस्त कर दिया। इस पर याचिकाकर्ता ने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने मामले में पूरे पक्ष को सुनने के बाद फैसला सुनाया। कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के एक मामले को सामने रखते हुए उम्र अधिक होने के आधार पर शस्त्र लाइसेंस नहीं देने को गलत ठहराया।
हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया और मुंगेली कलेक्टर को आदेश दिया कि याचिकाकर्ता को 30 दिनों के भीतर शस्त्र लाइसेंस दिया जाए। अधिक उम्र होना शस्त्र लाइसेंस नहीं देने का आधार नहीं हो सकता।