AI इंजीनियर अतुल की खुदकुशी का विरोध, टूरा फाउंडेशन ने की पुरुष आयोग की मांग, सिविक सेंटर में निकाला कैंडल मार्च
भिलाई। टूरा फाउंडेशन के सदस्यों ने बैंगलुरू में पत्नी की प्रताड़ना से तंग आकर खुदकुशी करने वाले एआई इंजीनियर अतुल सुभाष को न्याय दिलाने की मांग लेकर रविवार को सिविक सेंटर भिलाई में कैंडल मार्च निकाला। इस दौरान सदस्यों ने अतुल की आत्मा की शांति के लिए उन्हें न्याय दलाने केंद्र व राज्य सरकारों से, उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय से मांग की है कि एकपक्षीय कानूनों में संसोधन किया जाए।
टूरा फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रवीण कालमेघ ने मांग करते हुए कहा है कि कानून के दुरुपयोग को आवश्यक रूप से दंडनीय अपराध बनाया जाए, सभी कानून को जेन्डर न्यूट्रल बनाया जाए। उन्होंने समाज, न्यायतंत्र, पुलिस प्रशाशन एवं सभी नेताओं, एमपी, एमएलए आदि से अपील किया कि कई सालों से पुरुष एक पक्षीय कानून का मार झेलता आ रहा है। पुरुषों की आत्महत्या का दर आसमान छूने लगा है क्योंकि उनको सुनने वाला कोई नहीं। अब समय आ गया है पुरुषों के पक्ष में भी कानून बनाया जाए ताकि निर्दोष पुरुषों को प्रताड़ना से बचाया जा सके।
टूरा फाउंडेशन के अध्यक्ष ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट एवं अलाहबाद हाई कोर्ट के मूख्य न्यायधीश को पत्र लिखकर जौनपुर कोर्ट के न्यायधीश एवं क्लर्क जिनका नाम अतुल ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है उनपर जांच हो एवं दोषी पाए जाने पर उचित सजा दिया जाए। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट एवं जिला न्यायालयों में भी पत्र लिखकर उनसे निवेदन किया जायेगा की ऐसे सख्त कदम उठाये जाएं की अतुल जैसी घटना किसी के साथ भी घटित ना हो। हर केस को योग्यता के हिसाब से समयबद्ध तरीके से ही निपटाया जाए।
उन्होंने कहा कि बेंगलुरु पुलिस एवं न्यायलय में पत्र लिखकर अपील करेंगे की अतुल को आत्म्यहत्या के ओरे धकेलने वालों पर मामला निष्ठापूर्वक चले एवं दोषी पाए जाने पर सख्त से सख्त सजा दी जाये। केंद्र एवं राज्य सरकारों को हर तीन माह में पुरुषों पर हो रहे अत्याचार के समाचारों का एक संग्रह पत्र के रूप में भेज कर पुरुषों के पक्ष में न्याय बनाने एवं पुरुष आयोग बनाने हेतु अपील करेंगे। समय समय पर समाज के लोगों को जागरूक करने हेतु विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन करते रहेंगे। एक जनहित याचिका पर भी अगले आम सभा में चर्चा किया जायेगा जिसमे माननीय अदालत से पुरुषों के समस्या के निवारण के लिए गाइडलाइन्स की मांग की जाएगी तथा पुरुष आयोग का गठन की भी मांग की जाएगी।