असदुद्दीन ओवैसी बोले- कानपुर एनकाउंटर के लिए योगी आदित्यनाथ की ‘ठोक देंगे’ पॉलिसी जिम्मेदार
हैदराबाद। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कानपुर एनकाउंटर में पुलिसकर्मियों की शहादत के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘ठोक देंगे’ पॉलिसी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि इस घटना की पूरी जिम्मेदारी सीएम योगी आदित्यनाथ की है। उन्होंने ‘ठोक देंगे’ पॉलिसी के नाम पर लोगों की हत्या शुरू की थी।
उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ को अपनी ‘ठोक देंगे’ पॉलिसी को बदलनी चाहिए। हम बंदूक के बल पर हम देश या राज्य की सत्ता को नहीं चला सकते हैं। आपको देश को संविधान और कानून के बल पर चलाना होगा।
ओवैसी ने कहा कि एक अपराधी जिस पर 60 मामले दर्ज किए गए हैं और जिसकी जमानत पुलिस और सरकार ने रद्द नहीं की थी, उसने इन सभी पुलिस अधिकारियों की हत्या कर दी। इसके बाद उन्होंने कहा कि सीएम योगी को यह भरोसा दिलाना होगा कि विकास दुबे को गिरफ्तार किया जाना चाहिए, न कि एनकाउंटर के नाम पर उसकी हत्या करनी चाहिए।
AIMIM चीफ ने कहा, ‘एक स्पेशल फोर्स का गठन किया जाना चाहिए और योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस अपराधी को इन बहादुर पुलिस अधिकारियों की हत्या के लिए दोषी ठहराया जाएगा और सबसे कड़ी सजा दी जाएगी। तभी यह लोकतंत्र और संविधान की जीत होगी।’ उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार विकास दुबे को गिरफ्तार करने की जगह उसका एनकाउंटर करती है तो सरकार और पुलिस अधिकारियों को मारने वालों में कोई अंतर नहीं रह जाएगा।
कानपुर एनकाउंटर के बाद बड़ी कार्रवाई तैयारी
कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद पुलिस विभाग बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। इसके लिए माफिया और चिह्नित अपराधियों की सूची नए सिरे से बनाई जा रही है। मार्च में एसटीएफ द्वारा तैयार चिह्नित माफिया अपराधियों की सूची में कानपुर के विकास दुबे का नाम नहीं था। प्रदेश सरकार के सख्त तेवरों को देखते हुए पुलिस अब बड़े अपराधियों के आर्थिक साम्राज्य पर भी धावा बोलेगी। शनिवार को कानपुर, गाजीपुर व नोएडा से इसकी शुरुआत भी कर दी गई।
विकास दुबे और उसके सहयोगियों द्वारा पुलिस टीम पर किए गए दुस्साहसिक हमले के बाद अब अपराधियों का मनोबल तोड़ने पर फोकस किया जाएगा। डीजीपी मुख्यालय के निर्देश पर सभी जिलों में पुलिस चिह्नित अपराधियों की सूची को अपडेट करने में जुटी है। इसके साथ ही इन अपराधियों के काले कारोबार का भी ब्योरा खंगाला जा रहा है। बड़े शहरों में सक्रिय ज्यादातर माफिया और अपराधी जमीनों के कारोबार से जुड़े हैं।