राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय और रोका-छेका कार्यक्रम किसानों के लिए फायदेमंद
रायपुर : कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता ने आज दुर्ग जिले के अमलेश्वर-पाटन क्षेत्र का दौरा कर खरीफ फसलों की बुवाई की स्थिति का जायजा लिया और किसानों विशेषकर धान की रोपाई कर रही महिलाओं से मुलाकात की। डॉ. गीता ने किसानों से खरीफ फसल के लिए कृषि विभाग की ओर से प्रदान की जा रही आदान सामग्री के बारे में जानकारी ली। उन्होंने किसानों को खेतों की मेड़ पर अरहर की खेती का सुझाव दिया और कहा कि अरहर की खेती करके अतिरिक्त लाभ अर्जित किया जा सकता है। इसके लिए किसानों को कृषि विभाग द्वारा अरहर बीज मिनी किट भी दिया जा रहा है। इस दौरान संचालक कृषि श्री निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उनके साथ थे।
डॉ. एम. गीता ने अपने भ्रमण के दौरान रोका-छेका कार्यक्रम, गौठानों के संचालन की स्थिति, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना के बारे में विस्तार से चर्चा की और कहा कि यह सब योजनाएं किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का मानना है कि किसानों की खुशहाली से ही छत्तीसगढ़ में खुशहाली आएगी। यही वजह है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए राज्य सरकार द्वारा यह योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत राज्य के 19 लाख किसानों को 5700 करोड़ की मदद दी जा रही है। प्रथम किश्त के रूप में 1500 करोड़ रुपये किसानों को दिए जा चुके हैं। आगामी 20 अगस्त को इस योजना के तहत किसानों को दूसरी किस्त की राशि भी दी जाएगी, ताकि किसान बेहतर तरीके से खेती किसानी की व्यवस्था कर सकें। रोका-छेका अभियान को किसानों के लिए फायदेमंद बताते हुए कहा कि खुले में चराई से फसलों का नुकसान होता है ।बरसात के दिनों में खुली चराई से पशुओं के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। फसलों की सुरक्षा और पशुओं के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए रोका-छेका अभियान बहुत प्रभावी है। उन्होंने किसानों से इस अभियान को कड़ाई से लागू करने और अपने पशुओं को गौठान में भेजने का भी आग्रह किया। कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता ने कहा कि खुले में चराई पर रोक लगने से किसान धान की फसल के तुरंत बाद अन्य फसलों की खेती कर अतिरिक्त लाभ अर्जित कर सकते हैं। उन्होंने ग्रामीणों और किसानों से खेतों की मेड़ पर दलहन-तिलहन की फसलों की खेती करने की अपील की। किसानों और ग्रामीणों को गोधन न्याय योजना के बारे में भी उन्होंने विस्तार से जानकारी दी और कहा कि सरकार निर्धारित दर पर किसानों और ग्रामीणों से गोबर क्रय करेगी, जिससे वर्मी कंपोस्ट खाद का निर्माण किया जाएगा। राज्य में गोधन न्याय योजना की शुरुआत 20 जुलाई हरेली पर्व के दिन से होगी।