शासन की योजनाओं का लाभ प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचे
रायपुर : शासन स्तर पर लंबित मामलों के त्वरित निराकरण के लिए प्रदेश सरकार ने जिलों में प्रभारी सचिव की व्यवस्था लागू की है। वे जिलों में जाकर ऐसे मामले को देखेंगे और लंबित प्रकरणों के निराकरण में सहयोग करेंगे। दंतेवाड़ा जिले के प्रभारी सचिव श्री डीडी सिंह ने सभी को जिले की प्राथमिकता अनुसार लक्ष्य पूर्ण करने, पीने की पानी की उपलब्धता स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि उद्यानिकी आदि को बेहतर प्रयास करने के साथ ही गरीबी उन्मूलन के संकल्प को 4 वर्षों में पूर्ण करने के लिए योजना बना कर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कलेक्टर श्री दीपक सोनी और संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर उन्हें चिन्हित किया। उसके पूर्व उन्होंने जिले के विभिन्न विभागों की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए हरेली तिहार से शुरु होने वाले गोधन न्याय योजना के तैयारियों के बारे में जानकारी ली।
बैठक में सभी विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रगति से अवगत कराया गया कि जिले के 22 गौठानों से गोधन न्याय योजना की शुरुआत होगी जहाँ 31 हजार 405 पशु वर्तमान में हैं। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को जिला स्तर का नोडल अधिकारी बनाया गया है। साथ ही 22 गौठान में नोडल अधिकारी बनाये गए हैं जिन्होंने अपने गौठान में जाकर निरीक्षण कर लिया है। साथ ही स्व सहायता समूह को कृषि विभाग एवं कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। गोबर खरीदने के लिए 54 तराजू वन विभाग से प्रबंध किए गए हैं। गौठान समिति भी बना ली गई है।
अधिकारियों ने बताया कि दंतेवाड़ा में पहले से जैविक कृषि की जाती है, यहां रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। कृषि विभाग के अनुसार यहां पर 25 हजार 800 किसान कृषि कार्य कर रहें हैं, जिसमें लगभग 10 हजार जैविक कृषि कर रहे हैं। एनआरएलएम के द्वारा आश्रम छात्रावास स्कूलों में आवश्यकता की सामानों को आपूर्ति के लिए 14 मां दंतेश्वरी मार्ट स्थापित किये गए हैं। साथ ही स्व सहायता समूहों द्वार साबुन, फिनाइल, कड़कनाथ, अंडा उत्पादन, फेंसिंग सीमेंट पोल, मास्क सेनेटरी पैड, दोना पत्तल, का निर्माण किया जा रहा है।
जिले में एक जून से ‘बैंक संगवारी तुमचो द्वार’ योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत यहां के पेंशन धारियों को घर पहुंच पेंशन प्रदान की जा रही है, जिसमें अब तक एक करोड़ से अधिक की राशि का ट्रांजेक्शन हो चुका है। वन विभाग, केवीके, उद्यानिकी द्वारा 5 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य है जिसमे 3 लाख 16 हजार वृक्षारोपण किये जा चुके हैं। स्कूल, आश्रम, छात्रावास, आंगनबाड़ी, सामुदायिक बाड़ी, डंकिनी नदी के तट, देवगुड़ी आदि में भी वृक्षारोपण किया जा रहा है। जल संसाधन के 14 प्रोजेक्ट हैं। 9 एफ आर ए क्लस्टर बनाये जा रहे हैं। नागफनी, पुरनतराई में लेमनग्रास लगाया जा रहा है। जिले में मलेरिया नियंत्रण के लिए शत प्रतिशत लक्ष्य पूर्ण कर लिया गया है। कोविड-19 हॉस्पिटल भी शुरू हो गया है। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना है। एनीमिया और कुपोषण को दूर करने को खत्म करना है। शिक्षा में सभी स्कूलों में निशुल्क गणवेश की उपलब्धता करा दी गई है साथ ही इंग्लिश मीडियम स्कूल में टीचरों की भर्ती और प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दिया गया है।