मां-बाप को जल्दी बूढ़ा कर देती हैं बच्चों की ये 4 आदतें, दुख में बीत जाता है सारा जीवन

न्यूज रूम: हर माता-पिता का सपना होता है कि उनका बच्चा अपने जीवन में बहुत आगे बढ़े, समाज में उनका नाम रोशन करें और एक खुशहाल जिंदगी जिए। इसके लिए पैरेंट्स अपनी पूरी मेहनत लगा देते हैं। कई बार तो उनकी जिंदगी बच्चे के इर्द-गिर्द की घूमती रह जाती है। हालांकि कई बार इतना ध्यान देने के बावजूद भी बच्चे किसी ना किसी गलत आदत का शिकार हो ही जाते हैं। जाहिर है इसका सबसे ज्यादा असर पैरेंट्स पर ही पड़ता है। कई बार तो माता-पिता अपने बच्चे को ले कर इतने चिंतित हो जाते हैं कि उनकी रातों की नींद तक उड़ जाती है। इसका असर उनके स्वास्थ्य पर भी पड़ता है और बच्चे का भविष्य भी तबाही की और बढ़ जाता है। ऐसी ही कुछ आदतों का जिक्र आज हम कर रहे हैं जो यदि आप में हैं, तो उन्हें आज ही बदल डालिए।

कई बार अपनी गलत संगत के चलते बच्चे कम उम्र में ही नशे जैसी गंदी लत के शिकार हो जाते हैं। कई बच्चे तो स्कूल और कॉलेजों में ही बीड़ी, सिगरेट, शराब और यहां तक की ड्रग्स लेना भी सीख जाते हैं। अब माता-पिता हर समय तो बच्चे की निगरानी कर नहीं सकते इसलिए इस बात का पता भी उन्हें बहुत समय बाद ही चलता है। ज्यादातर मामलों में कोई बाहर वाला ही आ कर बच्चों के माता-पिता को ये जानकारी देता है। जैसे ही पैरेंट्स को ये बात पता चलती है उन्हें जोर का धक्का लगता है। और तो और उनकी रातों की नींद भी उड़ जाती है।

कई बच्चे पैरेंट्स से अपनी बात मनवाने या किसी तरह की रोक-टोक से बचने के लिए धमकियों का सहारा लेना शुरू कर देते हैं। खासतौर से 18 की उम्र के बाद बच्चों में ये बाघी नेचर डेवलप होने लगता है। वो बात-बात पर पैरेंट्स को घर से भाग जाने या फिर कुछ गलत कदम उठा लेने जैसी धमकियां देना शुरू कर देते हैं। ऐसी बातें सुनकर हर मां-बाप के पैरों तले की जमीन खिसक जाती है। बच्चे की इस रवैए का असर उनकी मेंटल हेल्थ पर ही पड़ता है और चिंता में वो जल्दी बूढ़े होने लगते हैं।

हर पैरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा अपने करियर में बहुत आगे तक जाए। इसके लिए वो अपना हर संभव प्रयास करते हैं। आर्थिक रूप से भी बच्चे की पढ़ाई-लिखाई या उसकी मांगी गई किसी चीज में कमी नहीं आने देते। जाहिर है एक उम्र के बाद उन्हें भी जिंदगी भर की भागदौड़ से राहत चाहिए होती है, जिसके लिए वो अपने बच्चे को उम्मीद की तरह देखते हैं। हालांकि जब बच्चा गलत संगत में पड़कर अपना करियर-वारियर छोड़कर मजे-मस्ती में खाली घूमना शुरू कर देता है, तो ये बात पैरेंट्स को काफी परेशान करने लगती है। वो उसके भविष्य को ले कर इतनी सोच में पड़ जाते हैं कि इसका उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर असर पड़ता है।

हर मां-बाप अपने बच्चे से कम से कम सम्मान की उम्मीद तो रखते ही हैं। लेकिन जब बच्चा उन्हें वही नहीं देता तो ये बात उन्हें अंदर से तोड़कर रख देती है। ज्यादातर माता-पिता अपना पूरा जीवन बच्चे की परवरिश में लगा देते हैं, अपनी तरफ से कोई कमी भी नहीं करते। लेकिन गलत संगत में पड़कर बच्चा उन्हें अपना दुश्मन ही समझने लगता है। उनकी रोक-टोक उसे ऐसी खलने लगती है कि वो माता-पिता के लिए भी अपशब्दों का इस्तेमाल करने में संकोच नहीं करता।

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