नई औद्योगिक नीति से निवेशकों का बढ़ा रुझान, अब तक 1.23 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले

रायपुर । छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बनाई गई नई औद्योगिक नीति से निवेशकों का उत्साह चरम पर है. राज्य सरकार द्वारा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है. अब तक प्रदेश को 1,23,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं. यह आंकड़ा राज्य में तेजी से बढ़ते औद्योगिक विकास और आर्थिक सुधारों की ओर इशारा करता है.मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने नवाचार, निवेश और उद्योगों के विकास को प्राथमिकता देते हुए नई औद्योगिक नीति (2024-2029) लागू की है.

इस नीति के तहत बड़े, मध्यम और लघु उद्योगों को विभिन्न सुविधाएं और रियायतें दी जा रही हैं, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा है. छत्तीसगढ़ सरकार के उद्योग विभाग के अनुसार, पिछले छह महीनों में राज्य को 1.23 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. इन प्रस्तावों में मुख्य रूप से इस्पात, ऑटोमोबाइल, फार्मा, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), ऊर्जा, एग्री-प्रोसेसिंग और टेक्सटाइल जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निवेश शामिल हैं.

वर्तमान में, सरकार ने 40,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को मंजूरी भी दे दी है और कई निवेशकों के साथ बातचीत अंतिम चरण में है. इन निवेशों के कारण राज्य में लाखों नए रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है.मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने औद्योगिक विकास को रफ्तार देने के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनाएं लागू की हैं, जिनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:
कर रियायतें और अनुदान: नए उद्योगों को कई प्रकार की कर छूट और अनुदान प्रदान किए जा रहे हैं. राज्य सरकार ने एस जी एस टी में छूट, स्टांप ड्यूटी में कटौती और सस्ती दरों पर भूमि आवंटन की व्यवस्था की है. एकल खिड़की प्रणाली निवेशकों को अनावश्यक प्रक्रियाओं से बचाने के लिए तेजी से मंजूरी की सुविधा दी गई है.उद्योगों के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड): सरकार ने रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और कोरबा में नई औद्योगिक टाउनशिप विकसित करने की योजना बनाई है.

ग्रीन इंडस्ट्रीज को बढ़ावा: राज्य में पर्यावरण-अनुकूल परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे सौर ऊर्जा, बायो-फ्यूल और ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा.

कौशल विकास और रोजगार: औद्योगिक निवेश को देखते हुए राज्य सरकार युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण दे रही है, ताकि उन्हें नए उद्योगों में रोजगार मिल सके.छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति से देश-विदेश की बड़ी कंपनियां निवेश के लिए आकर्षित हो रही हैं. हाल ही में, कई प्रमुख उद्योग समूहों ने राज्य में अपनी परियोजनाएं स्थापित करने की घोषणा की है. टाटा स्टील ने 5500 करोड़ रुपये के निवेश के साथ स्टील प्लांट के विस्तार की योजना बनाई है. अडानी ग्रुप राज्य में सौर ऊर्जा और लॉजिस्टिक्स हब पर निवेश कर रहा है. आईटीसी और पतंजलि जैसे प्रमुख ब्रांड राज्य में फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की योजना बना रहे हैं. महिंद्रा एंड महिंद्रा ने ऑटोमोबाइल सेक्टर में निवेश की इच्छा जताई है.