छत्तीसगढ़ के इस स्टील प्लांट का ग्रामीणों ने किया विरोध, इस प्रदर्शन में कांग्रेसी भी शामिल, लोगों ने रखी ये मांग

download

मुंगेली| छत्तीसगढ़ में एक बार फिर ग्रामीण सड़क पर उतर गए हैं। दरअसल, मुंगेली जिले के बड़ियाडीह गांव में प्रस्तावित स्टील प्लांट को लेकर ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिय है। 700 करोड़ रुपए के इस प्लांट का बड़ियाडीह समेत 8 ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों ने इस परियोजना के खिलाफ जनसुनवाई में अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।  जानकारी के अनुसार पर्यावरण विभाग ने जनसुनवाई आयेजित की, जिसमें 88 लोगों ने हिस्सा लिया, जिनमें से 85 लोगों ने प्लांट के विरोध में और केवल 3 ने पक्ष में मत दिए।

इस जनसुनवाई लिखित में भी 27 विरोध और 1 समर्थन मिला। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह प्लांट मदकूद्वीप क्षेत्र के निकट है, जो जिले का प्रमुख पर्यटन और जैवविविधता वाला क्षेत्र है। ग्रामीणों का आरोप है कि स्टील प्लांट से उत्पन्न रासायनिक अपशिष्ट और धुआं न केवल वायु और जल को प्रदूषित करेगा बल्कि मदकूद्वीप की पारिस्थितिकी भी प्रभावित होगी। साथ ही, मनियारी और शिवनाथ नदियों के जल स्रोतों पर भी प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है।

जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष घनश्याम वर्मा ने लिखित रूप में M/S LN Steel & Alloys Pvt. Ltd. द्वारा प्रस्तावित प्लांट का विरोध किया है। कांग्रेन ने 8 बिंदुओं में अपनी आपत्ति दर्ज कराई है, जिसमें पर्यावरणीय प्रदूषण, जल स्रोतों पर असर, स्वास्थ्य संबंधी खतरे, कृषि और पशुपालन पर प्रभाव, स्थानीय युवाओं को रोजगार में उपेक्षा, सामाजिक-सांस्कृतिक असंतुलन और कृषि भूमि के औद्योगिक उपयोग का मुद्दा शामिल है।

कांग्रेस ने EIA रिपोर्ट सार्वजनिक करने और परियोजना को तत्काल रोकने की मांग की है। बता दें कि मदकूद्वीप के संत रामरूपदास महात्यागी ने भी स्टील प्लांट को लेकर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि यह प्लांट मदकूद्वीप के निकट है और इससे क्षेत्र की जैवविविधता और धार्मिक आस्था पर बुरा असर पड़ेगा. वातावरण खराब होने की भी संभावना है।

बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि वह इस प्रोजेक्ट को लेकर अधिकारियों से बात करेंगे। वहीं, डिप्टी सीएम अरुण साव ने भी इस मामले को संज्ञान में लेने की बात कही है और कहा है कि मीडिया के माध्यम से उन्हें ग्रामीणों की आपत्ति की जानकारी मिली है।

अपर कलेक्टर निष्ठा पांडेय तिवारी ने बताया कि जनसुनवाई के दौरान ग्रामीणों ने पर्यावरण, सड़क, पानी और बिजली से जुड़े कई मुद्दों पर आपत्ति और सुझाव दिए हैं। सभी जानकारी क्षेत्रीय पर्यावरण मंडल द्वारा रिपोर्ट के रूप में हेड ऑफिस और फिर केंद्र सरकार को भेजी जाएगी। निर्णय प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा।

रीसेंट पोस्ट्स