सरकार ने जारी की जातिगत जनगणना की अधिसूचना, देश में मार्च 2027 की रेफरेंस डेट से होगी जनगणना


नईदिल्ली। आखिरकार केन्द्र सरकार ने जातिगत जनगणना का रास्ता साफ कर दिया है। सोमवार को केन्द्र सरकार ने जनगणना के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। पूरे देश में मार्च 2027 की रेफरेंस डेट से जातीय जनगणना कराई जाएगी। इससे पांच महीने पहले अक्तूबर 2026 में पहाड़ी राज्यों में जातीय जनगणना का कार्यक्रम पूरा किया जाएगा। इन राज्यों में अक्तूबर 2026 में आबादी से जुड़े जो आंकड़े सामने आएंगे वही रिकॉर्ड में दर्ज किए जाएंगे। चुंकि सरकार ने मार्च 2027 की रेफरेंस डेट दी है तो फरवरी 2027 तक जनगणना पूरी कर ली जाएगी और एक मार्च को आंकड़े सार्वजनिक होंगे।

बता दें देश में इससे पहले आखिरी बार 2011 में जनगणना हुई थी। 10 वर्षों में एक बार जनगणना कराने का नियम है। इसके अनुसार 2021 में जनगणना होनी थी लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसे टाल दिया गया। इसके बाद से ही विपक्ष लगातार जातिगत जनगणना की बात करता रहा है। इस वर्ष केन्द्र सरकार ने जातिगत जनगणना कराने की घोषणा की थी। इस घोषणा के अनुसार अब अधिसूचना जारी कर दी गई है। 2027 के बाद देश की वास्तविक जनसंख्या लेकर जाति, धर्म से जुड़े आंकड़े भी सामने आ जाएंगे।
जानिए किस तरह के पूछे जाएंगे सवाल
जनगणना का कार्यक्रम काफी पेचिदा होता है। देशभर में एक साथ जनगणना होती है और इसके लिए केन्द्र सरकार जनगणना आयुक्त की नियुक्ति करता है जो कि पूरे कार्यक्रम की मॉनिटरिंग करता है। जनगणना में कर्मचारी जब किसी घर पर पहुंचते हैं तो उनसे कुछ बेसिक सवाल करते हैं। 2011 की जनगणना में पूछे गए कुछ बेसिक सवाल जैसे की घर किस तरह के और किस हाल में हैं?, घर में पीने के पानी की क्या व्यवस्था है? शौचालय है या नहीं और अगर है तो किस तरह का शौचालय मौजूद है?, किचन किस तरह का है और उसमें खाना पकाने के लिए कौन सा ईंधन इस्तेमाल होता है?, घर में किस तरह का वाहन इस्तेमाल किया जाता है?, आवास में फोन, टेलीविजन, कंप्यूटर इत्यादि सुविधाएं हैं या नहीं? इंटरनेट की सुविधा है या नहीं, स्मार्टफोन कितने और किसके पास हैं? खाना किस तरह का खाते हैं, कौन सा अनाज ज्यादा इस्तेमाल होता है? इसके अलावा संभवत : इस बार सवालों की संख्या बढ़े और केटेगरी भी बढ़ सकती है।