भिलाई में शुरू हुआ दिव्य रथ : राजनांदगांव सीआरसी तक नि:शुल्क जा सकेंगे दिव्यांग व वरिष्ठ, विधायक रिकेश ने दिखाई हरी झंडी

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भिलाई। राजनांदगांव के कॉम्पोजिट रीजनल सेंटर (सीआरसी) जाने के लिए दिव्यांग व वरिष्ठजनों के लिए भिलाई से नि:शुल्क बस सेवा दिव्यरथ का शुभारंभ गुरुवार को वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने किया। विधायक रिकेश ने “दिव्य रथ” बस को घड़ी चौक पर सुबह साढ़े 10 बजे विधायक रिकेश सेन हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान उन्होंने जरूरतमंदों को कमर पट्टा, वाकिंग छड़ी और व्हील चेयर वितरण भी किया।

विधायक रिकेश सेन ने कहा कि दिव्यांगजनों और वृद्धजनों के लिए नि:शुल्क बस सेवा की शुरुआत आज से की जा रही है। यह सेवा कॉम्पोजिट रीजनल सेंटर (सीआरसी), राजनांदगांव के माध्यम से संचालित होगी। जिसके अंतर्गत प्रत्येक सप्ताह के मंगलवार और गुरुवार को नि:शुल्क बस दुर्ग-भिलाई से सीआरसी राजनांदगांव तक चलेगी। जिससे हमारे दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिक चिकित्सा, पुनर्वास, परामर्श और अन्य आवश्यक सेवाओं का सहज रूप से लाभ उठा सकें।

आपको बता दें कि दिव्यांगजन कौशल विकास, पुनर्वास एवं सशक्तिकरण के समेकित क्षेत्रीय केंद्र ठाकुर टोला राजनांदगांव में सीआरसी वर्ष 2016 से संचालित है। जहां का भौतिक चिकित्सा विभाग बिना दवा के विभिन्न मशीनों तथा व्यायामों से हर उम्र के लोगों को स्वास्थ्य लाभ देता रहा है। यहां स्नायु संबंधी बीमारी, जोड़ों का दर्द, अकड़न, हड्डी टूटने की अक्षमता आदि को दूर किया जाता है। सीआरसी के डॉक्टर विशेष बच्चों को आवश्यक दैनिक जीवन कौशल जैसे दृष्टि की देखभाल, दांत साफ करना, शारीरिक देखभाल और अन्य आवश्यक प्रक्रियाओं को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

श्रवण एवं वाक विभाग में नवजात शिशुओं से लेकर सभी आयु वर्ग के लोगों की सुनाई जांच एवं बोलने में होने वाली समस्या की जांच की जाती है। श्रवण यंत्र लगाने के साथ-साथ सुनाई में क्षमता वाले बच्चों को ऑडिटरी ट्रेनिंग, स्पीच थेरेपी दी जाती है। सभी दिव्यांगता जैसे मानसिक, ऑप्टिज्म, हकलाना, तुतलाना, उच्चारण दोष, विलंबित भाषण और भाषा एवं प्रमस्तिष्क पक्षाघात वाले बच्चों को स्पीच थेरेपी के माध्यम से ठीक किया जाता है।

सीआरसी में विशेष शिक्षा के तहत विभिन्न दिव्यांग बच्चों को उनके शैक्षिक और विकासात्मक आवश्यकताओं के अनुसार विशेष सेवाएं भी प्रदान की जाती हैं। विभिन्न दिव्यांगों की शैक्षिक स्क्रीनिंग और पहचान, शैक्षिक मूल्यांकन, कार्यक्रम नियोजन, उपचारात्मक शिक्षण, प्रगति का मूल्यांकन, उपयुक्त शिक्षण सामग्री के वितरण के साथ आत्मनिर्भरता सिखाई जाती है। इसके आलावा प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के संचालन द्वारा माता-पिता, अभिभावकों और सामान्यजन को भी प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे अपने बच्चों की प्रगति में सक्रिय भूमिका निभा सकें। इन सेवाओं के माध्यम से सीआरसी दिव्यांग बच्चों के समग्र विकास और समाज में उनके बेहतर समावेशन को सुनिश्चित करता है।

विधायक सेन ने कहा कि यह केवल एक बस सेवा नहीं बल्कि एक सम्मानजनक जीवन की ओर बढ़ता एक और कदम है। दिव्यांग व वरिष्ठजनों की सेवा यह सुनिश्चित करती है कि हमारे वे साथी जिनके पास सीमित संसाधन हैं, वे भी अब बिना किसी बाधा के आवश्यक स्वास्थ्य और सहायता सेवाओं तक पहुँच सकें और अपने अनमोल जीवन की रक्षा में सदैव तत्पर रहें। हमारे बुजुर्ग, जिन्होंने जीवन भर समाज की सेवा की और हमारे दिव्यांगजन, जो हमें रोज़ अपनी हिम्मत और आत्मबल से प्रेरित करते हैं, उनके लिए निःशुल्क बस सेवा एक परमार्थ का कदम है।

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