सरकार को घेरने सड़क पर उतरेगी कांग्रेस, संविधान बचाओ रैली में इस मुद्दे को उठाने के लिए जारी किया गया सर्कुलर

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रायपुर| छत्तीसगढ़ समेत देशभर में जाति जनगणना मुद्दे पर सियासत तेज हो गई है। मोदी कैबिनेट में पास होने के बाद अब घर-घर जाकर लोगों की जाति पूछी जाएगी। इस बीच , प्रदेश में कांग्रेस एक बार फिर सड़क पर उतरने वाली है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) ने सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटियों (PCCs) से जाती आधारित जनगणना के मुद्दे को योजना बद्ध तरीके से उठाने के निर्देश दिए हैं। इसे लेकर संगठन महासचिव किसी वेणुगोपाल राव ने सर्कुलर जारी किया है। इसमें ऑन ग्राउंड से लेकर सोशल मिडिया स्तर तक की कार्ययोजना और रणनीति स्पष्ट की गई है।

जानकारी के अनुसार एआईसीसी महासचिव और सांसद केसी वेणुगोपाल ने सभी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्षों और कांग्रेस विधायक दल के नेताओं को जातिगत जनगणना को लेकर सीडब्ल्यूसी में पारित प्रस्ताव की जानकारी दी। सभी पीसीसी को संविधान बचाव रैली में जाति जनगणना के मुद्दे को प्रमुख्ता से उठाने के निर्देश दिए गए हैं। संविधान के अनुच्छेद 15(5) पर खास जोर देने का निर्देश दिया है। लेकिन इस सर्कुलर में आरक्षण को 50 फीसदी से आगे बढ़ाने का जिक्र नहीं है।

छत्तीसगढ़ के जारी सर्कुलर के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस विषय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यह मांग दोहराई थी। राहुल गांधी इस मुद्दे पर सबसे मुखर और दृढ़ आवाज रहे हैं, जिन्होंने बार-बार कहा है कि सामाजिक न्याय के लिए जाति जनगणना आवश्यक है। कांग्रेस ने सभी प्रदेश कांग्रेस समितियों (PCCs) से कहा है कि वे राज्य और जिला स्तर पर निगरानी टीम और पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएं।

30 मई तक हर विधानसभा क्षेत्र में चौपालें, रैलियां और घर-घर संपर्क अभियान चलाए जाएंगे, जिनमें सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षकों, वकीलों, दुकानदारों और SHG सदस्यों की भागीदारी सुनिश्चित करें। इसमें कांग्रेस की भूमिका और राहुल गांधी के नेतृत्व को जनता तक पहुचाएं। साथ ही, बीजेपी की जाति गणना विरोधी नीतियों को उजागर करें।

इसके साथ ही हर विधानसभा क्षेत्र में प्रेस कॉन्फ्रेंस और मीडिया ब्रीफिंग की जाए, जिसकी जिम्मेदारी AICC संचार विभाग की हो। सोशल मीडिया पर पार्टी कार्यकर्ता, युवा नेता और प्रतिनिधि एक्टिव रहें और कांग्रेस की जाति जनगणना की मांग, राहुल गांधी के नेतृत्व, और बीजेपी की वंचित विरोधी नीतियों को उजागर करें। यह पूरा अभियान एक संगठित और समर्पित रणनीति के तहत चलाया जाए और हर गतिविधि की साप्ताहिक रिपोर्ट AICC को भेजी जाए।

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