14 लाख के LIC क्लेम के लिए रची मौत की झूठी कहानी, बनवाया फर्जी ‘डेथ सर्टिफिकेट’, फिर ऐसे खुला राज

download (1)

बिलासपुर। भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की शाखा मगरपारा में फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जमा कर क्लेम के रूप में पांच पालिसी धारकों ने 14 लाख रुपये हड़पने का सनसनीखेज खुलासा हुआ है।

पांच पालिसी धारकों ने बीमा एजेंट से सांठगांठ कर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया और बीमा कंपनी के सामने क्लेम के लिए दावा पेश कर दिया। दावा पेश करते समय बीमा एजेंट साथ था,लिहाजा कंपनी के अफसरों को आशंका नहीं हुई और क्लेम पास कर दिया। 14 लाख के क्लेम हथियाने में एलआईसी के तीन एजेंट का नाम सामने आया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

सिविल लाइन थाना क्षेत्र के मगरपारा स्थित एलआइसी के शाखा प्रबंधक अलबन टोप्पो ने धोखाधड़ी की शिकायत की है। पुलिस को की गई शिकायत में ब्रांच मैनेजर ने बताया कि मस्तूरी क्षेत्र के ओखर में रहने वाली संतोषी साहू के नाम पर बीमा पालिसी ली गई थी। पालिसी लेने के तीन साल बाद संतोषी के पिता ने संतोषी के नाम पर मृत्यू प्रमाण पत्र पेश कर एजेंट के माध्यम से क्लेम किया। क्लेम के आधार पर पालिसी धारक संतोषी के पिता नंद कुमार साहू को बीमा कंपनी ने बतौर क्लेम छह लाख रुपये का चेक जारी कर दिया। छह लाख रुपये लेने के बाद नंद कुमार साहू ने संतोषी के नाम से दोबारा बीमा पालिसी ले ली। पालिसी का पेपर कार्यालय में जमा होने के बाद जब अफसरों ने पड़ताल की तब फर्जीवाड़ा सामने आ गया।

संतोषी का मामला सामने आने के बाद बीमा कंपनी ने अपने स्तर पर पड़ताल करानी शुरू की। जांच के दौरान फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जमा कर क्लेम की राशि हड़पने का और भी मामला सामने आया। इसमें ममता पांडेय, बबला पांडेय, ईश्वर पांडेय और शिवकुमार पांडेय के नाम पर झूठे मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर पांच से आठ लाख रुपये बतौर क्लेम बीमा कंपनी से ले लिया है। क्लेम लेने के बाद इन लोगों ने दोबारा पालिसी ले ली। दोबारा पालिसी लेते ही फर्जीवाड़ा सामने आ गया।

एलआईसी के शाखा प्रबंधक की शिकायत के अनुसार एलआइसी एजेंट नरेश अग्रवाल, राजेश कुमार शर्मा और राशि सखूजा के जरिए इन लोगों ने बीमा पालिसियां लेकर धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया है। एलआइसी अफसरों की जांच में एजेंट की भूमिका संदिग्ध पाई गई। शाखा प्रबंधक ने एजेंट के खिलाफ जुर्म दर्ज करने की मांग की है। इधर पुलिस ने मामले में विभिन्न धाराओं में जुर्म दर्ज कर लिया गया है।