नायब तहसीलदार ने टीआई को बचाने का लगाया आरोप, डीजीपी से मिले


बिलासपुर। सरकंडा थाने के तत्कालीन टीआई तोप सिंह नवरंग द्वारा नायब तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा से दुव्र्यवहार के मामले में जांच प्रक्रिया पर ही सवाल उठाया गया है। तहसीलदार मिश्रा ने शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में डीजीपी अरुण देव गौतम से मुलाकात की और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। उनका आरोप है कि तीन एएसपी द्वारा की गई जांच में तथ्यों को नजरअंदाज कर नवरंग को बचाने की कोशिश की गई है। दो दिन पहले ही नवरंग को एक थाने का प्रभार वापस सौंप दिया गया है।
पुष्पराज मिश्रा ने कहा कि उन्होंने पुलिस अफसरों द्वारा की गई जांच की कई खामियों को उजागर किया है। उन्होंने ऑडियो रिकॉर्डिंग, थाने और सिम्स हॉस्पिटल के सीसीटीवी फुटेज समेत सारे साक्ष्य पेश किए, जिनमें साफ दिख रहा है कि उनके साथ और उनके परिवार के सदस्यों के साथ धक्कामुक्की और दुव्र्यवहार किया गया था। फिर भी, एएसपी उदयन बेहार ने रिपोर्ट में लिखा कि थाने के सीसीटीवी कैमरों में ऑडियो की सुविधा नहीं थी, जबकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश हैं कि सभी थानों में ऑडियो सहित सीसीटीवी कैमरे लगे होने चाहिए।
मिश्रा ने बताया कि जब एएसपी राजेंद्र जायसवाल ने बयान के लिए पत्र भेजा, तब वह बयान की तारीख निकलने के बाद पोस्ट किया गया था। इसी को आधार बनाकर रिपोर्ट में यह कहा गया कि मिश्रा ने जांच में रुचि नहीं दिखाई। मिश्रा ने डाक विभाग से जानकारी निकालकर यह प्रमाणित किया कि पत्र जानबूझकर देर से भेजा गया। आईजी द्वारा नियुक्त जांच अधिकारी एएसपी गरिमा द्विवेदी ने भी सीसीटीवी फुटेज की उस क्लिपिंग को नजरअंदाज कर दिया जिसमें साफ तौर पर दुव्र्यवहार और धक्का-मुक्की दिखाई दे रही थी। डीजीपी अरुण देव गौतम ने पूरे मामले की बातचीत सुनने के बाद नई जांच की बात कही है। पुष्पराज मिश्रा ने मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, गृह सचिव और कलेक्टर को भी शिकायत की कॉपी भेजी है।