कैडर रिव्यू में छत्तीसगढ़ को चार DIG और दो SP के पद मिले, दो जिलों के SP का कैडर पोस्ट नहीं


रायपुर। कैडर रिव्यू में छत्तीसगढ़ में आईपीएस के 12 पद बढ़े हैं। आठ साल बाद यह कैडर रिव्यू हुआ है। वैसे हर पांच साल में एक बार कैडर रिव्यू होता है। मगर मई 2017 के बाद इस बार इसमें आठ साल लग गए।

हालांकि, इस बार कैडर रिव्यू में 12 पद बढ़े हैं। इनमें चार डीआईजी और दो एसपी शामिल हैं। मगर 2017 की तुलना में कहें तो इस बार काफी कम वृद्धि हुई है। 2017 में 103 से 142 पोस्ट हुआ था। याने एक साथ 39 पदों की वृद्धि। जानकारों का कहना है कि उस समय छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद चरम पर था, इसलिए भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ के प्रेजेंटेशन पर साकारात्मक रुख अपनाते हुए कैडर में बड़ी संख्या में वृद्धि कर दी थी। मगर इस बार यह संख्या कम हो गई है।
पिछली सरकार ने राजनांदगांव को रेंज में अपग्रेड करते हुए वहां आईजी की पोस्टिंग कर दी थी मगर इस बार कैडर रिव्यू में उसे कैडर पोस्ट घोषित नहीं किया गया है। इस बार भी उसे डीआईजी रेंज के तौर पर अधिसूचित किया गया है। उसी तरह छत्तीसगढ़ में जिलों की संख्या 33 हो गई है। मगर इस बार दो एसपी की संख्या बढ़ने के बाद भी एसपी में कैडर पोस्ट की संख्या 31 हुई है। मोहला-मानपुर और सारंगढ़ जिले के एसपी का पदर आईपीएस का कैडर पोस्ट नहीं है।
राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी लंबे समय से आईपीएस अवार्ड होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अभी आलम यह है कि मध्यप्रदेश के समय पीएससी क्लियर किए सभी अफसरों को आईपीएस अवार्ड नहीं हुआ है। इस बार भारत सरकार ने प्रमोशन के लिए पांच पद तय किए हैं। इसके अलावा रिटायरमेंट से खाली कुछ पद होंगे। याने अगले साल ठीकठाक संख्या में राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को आईपीएस का तोहफा मिल सकता है।
देखिए राजपत्र…कैडर रिव्यू के बाद छत्तीसगढ़ में आईपीएस की संख्या…



