सेना ने तिलसरा और रहंगी के 290.80 एकड़ जमीन के बदले राज्य सरकार से मांगी साढ़े 71 करोड़ रुपये, देखें सैन्य मंत्रालय का पत्र

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बिलासपुर। जबलपुर सर्किल केंट ने कलेक्टर बिलासपुर को अपने आधिपत्य वाली जमीन के सशर्त भू अधिग्रहण के लिए पत्र लिखा है। सेना ने तिलसरा और रहंगी की 290.80 एकड़ (116.00331 हेक्टेयर) जमीन राज्य शासन को देने के बदले में 71,51,18,403/- रुपये नकद जमा करने की शर्त रख दी है। जमीन के भीतर स्थित पेड़ों का अलग से मुआवजा निर्धारण की बात कही गई है। पेड़ों की कटाई से पहले वन विभाग की अनुमति लेने की शर्त भी कलेक्टर के समक्ष सेना ने रख दी है।

बिलासा एयरपोर्ट के विकास के लिए सेना ने तिलसरा और रहंगी में अपने कब्जे वाली 290.80 एकड़ जमीन राज्य सरकार को देने राजी हो गई है। जमीन के एवज में सेना ने राज्य शासन से भारी भरकम राशि की मांग भी कर दी है। जमीन के बदले पहले 71,51,18,403/- रुपये नकद जमा करने कहा है। राशि जमा करने के बाद जमीन का सीमांकन और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया आगे बढ़ाने की शर्त रख दी है। सैन्य मंत्रालय की ओर से जबलपुर सर्किल केंट के आइडीईएस अफसर नेहा गुप्ता ने बिलासपुर कलेक्टर को पत्र लिखकर जमीन अधिग्रहण के बदले शर्तों को पूरा करने की बात कही है।

सेना ने 290.80 एकड़ रक्षा भूमि पर खड़े पेड़ों की कीमत का आकलन डीएफओ से कराने और डीएफओ द्वारा आंकी गई राशि भी जल्द से जल्द इस कार्यालय में जमा कराने कहा है। जबलपुर सर्किल केंट अफसर ने पूर्व में जारी 30.जनवरी 2024 की कार्य अनुमति की सभी शर्तों और नियमों का पालन करने की शर्त रख दी है। इसी शर्त के आधार पर रक्षा भूमि का हस्तांतरण व अधिग्रहण की कार्रवाई की जाएगी।

सैन्य मुख्यालय से जारी पत्र में यह भी कहा गया है कि अधिग्रहण वाली जमीन पर यदि कोई पेड़ मौजूद है तो उसे डीईओ जबलपुर द्वारा उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद तुरंत हटा दिया जाएगा। यदि कोई अत्यावश्यकता है तो डीईओ पुणे द्वारा किए गए मूल्यांकन के अनुसार, इसकी लागत मांगकर्ता प्राधिकारी द्वारा जमा की जाएगी। रक्षा भूमि पर काटे जाने वाले पेड़ों की लागत, मांगकर्ता प्राधिकारी द्वारा डीईओ जबलपुर के पास जमा की जाएगी। वन प्राधिकरण से अनिवार्य मंजूरी प्राप्त करने के बाद पेड़ों की वास्तविक कटाई मांगकर्ता प्राधिकारी की जिम्मेदारी होगी। सेना ने साफ कहा है कि 286.65 एकड़ रक्षा भूमि के स्थायी हस्तांतरण के लिए औपचारिक मंजूरी सक्षम प्राधिकारी का अनुमोदन प्राप्त करने के बाद जारी की जाएगी।

हाई कोर्ट ने बिलासा एयरपोर्ट के उन्नयन और विकास के लिए दो जनहित याचिका दायर की गई है। हाई कोर्ट ने दोनों जनहित याचिका पर एक साथ सुनवाई चल रही है। बीते महीने सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने केंद्र सरकार के अलावा रक्षा मंत्रालय को नोटिस जारी कर एयरपोर्ट के जरुरी विकास के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने निर्देश जारी किया था। राज्य सरकार के निर्देश पर कोर्ट ने नाराजगी भी जताई थी। तब कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी भी की थी।