बदली जिंदगी, दुलेश्वरी बनी सबल एवं सक्षम : आसान नहीं था एक गृहणी से ई-रिक्शा चालक तक का सफर

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से हौसले को मिली उड़ान
ग्रामीण सुदूर अंचलों में आवागमन की सुविधाएं हुई उपलब्ध
राजनांदगांव. इरादे अगर मजबूत हो तो मंजिल मिल ही जाती है। अपने दृढ़ इच्छाशक्ति, हिम्मत एवं लगन की बदौलत डोंगरगांव विकासखंड के ग्राम कोनारी की श्रीमती दुलेश्वरी देवांगन ने एक गृहिणी से ई-रिक्शा चालक का सफर तय किया है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश की है। उन्हें इस कार्य के लिए संबल और सहयोग मिला राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से।
श्रीमती दुलनेश्वरी देवांगन ने बताया कि समूह में जुडऩे के बाद वे ग्राम संगठन सहायिका एवं सक्रिय महिला के रूप में कार्य कर रही हैं। समूह में जुडऩे के पहले परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। परिवार के आय के साधन में छोटे से किराना स्टोर एवं 1.50 एकड़ जमीन से प्राप्त आय से दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति मुश्किल से हो पाती थी। जिला राजनांदगांव के माध्यम से संचालित ई -रिक्शा योजना की जानकारी विकासखण्ड कार्यालय छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान जनपद पंचायत डोंगरगांव द्वारा प्राप्त हुई। रिक्शा का मूल्य 1 लाख 60 हजार रूपए था, जिसमें श्रम विभाग द्वारा 1 लाख रूपए की सब्सिडी दी गई और 50 हजार रूपए का मुद्रा लोन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शाखा डोंगरगांव द्वारा स्वीकृत किया गया। श्रीमती दुलेश्वरी देवांगन को क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय ई-रिक्शा हेतु  ड्राइविंग लाइसेंस प्रदाय किया गया। श्रीमती दुलेश्वरी देवांगन अब अपने गांव कोनारी से डोंगरगांव एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ई-रिक्शा चलाने का कार्य कर रही हैं एवं स्कूल के दिनों में स्कूली बच्चों   को स्कूल पहुंचाने का काम भी करती हंै। जिससे प्राप्त अतिरिक्त आय से वे छोटे से किराना स्टोर का विस्तार कर साथ में फैन्सी स्टोर का संचालन भी कर रही हंै। उन्हें ई-रिक्शा से लगभग 10 हजार रूपए प्रतिमाह की दर से वार्षिक 1 लाख 20 हजार रूपए एवं दुकान से 12 हजार रूपए प्रतिमाह इस तरह वार्षिक कुल 2 लाख 64 हजार रूपए प्राप्त हो रहे है। उनके इस कार्य से ग्रामीण एवं सुदूर अंचलों में लोगों को आवागमन की सुविधाएं उपलब्ध हुई है और ऐसे कार्यों में महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ी है। उन्होंने बताया कि ई-रिक्शा के सफल संचालक के बाद कार लेना चाहती है। इसके साथ ही स्व-सहायता समूह सदस्यों के साथ मिलकर मशरूम उत्पादन का कार्य करना चाहती है।