सुधाकर की मौत के बाद बौखलाए नक्सलियों ने मचाया उत्पात, वाहन फूंके, आवागमन बंद…सर्चिंग भी तेज


जगदलपुर| छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को खत्म करने पर फोर्स जुटी। इसके साथ ही नक्सलियों का सफाया भी कर रही है। इस बीच, बीजापुर मुठभेड़ में सीसी मेंबर सुधाकर मारा जा चुका है। इससे बौखलाए नक्सलियों ने भैरमगढ़ इलाके में जमकर उत्पात मचाया और आजगनी की घटना को अंजाम दिया दिया। आगजनी से दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लगी रही। नक्सली वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए। इसके बाद इलाके में सर्चिंग बढ़ा दी गई है।

जानकारी के अनुसार 5-6 की संख्या में ग्रामीण वेशभूषा में माओवादियों ने गुरुवार की देर रात कर्रेंमरका-भैरमगढ़ के मध्य निजी ट्रांसपोर्ट वाहन को रोककर पेट्रोल डालकर उसे आग के हवाले कर दिया गया है। इसके बाद सड़क पर आवागमन बंद हो गया। स्थानीय लोगों की सूचना के बाद पुलिस पहुंची। इसके बाद जली हुई गाड़ी को सड़क के किनारे लगवाकर यातायात को सामान्य करवाया गया और मौके पर बल तैनात कर दिया गया है।
बता दें कि बीजापुर जिले के इंद्रावती नेशनल पार्क इलाके में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ हुई। इसमें जवानों ने नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी मेंबर (सीसीएम) नरसिम्हाचलम उर्फ सुधाकर को ढेर कर दिया है। सुधाकर । इसके अलावा अलग-अलग राज्यों में भी उस पर अलग-अलग इनाम की राशि घोषित है। शव के साथ कई आधुनिक हथियार व दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। सुधाकर की मौत से सुरक्षा एजेंसियों ने भी राहत की सांस ली है, क्योंकि बीते कई सालों से वह नक्सली मूवमेंट की रणनीति तैयार करने में अहम भूमिका निभा रहा था। उसके खिलाफ विभिन्न राज्यों में दर्जनों अपराध दर्ज हैं।
बता दें कि 21 मई को अबूझमाड़ में हुई मुठभेड़ में नक्सली संगठन का महासचिव गगन्ना उर्फ बासव राजू मारा जा चुका है। इसके ठीक पखवाड़ेभर बाद जवानों को दूसरी बड़ी कामयाबी मिली है। गगन्ना जहां नक्सली संगठन की रीढ़ माना जाता था, जिसकी मौत के बाद एक तरह से नक्सली संगठन की रीढ़ टूट गई, वहीं अब सीसी मेंबर सुधाकर के मारे जाने के बाद नक्सलियों का संगठन अब और कमजोर हो गया है।
गौरतलब है कि देश के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देश को नक्सलवाद से मुक्त करने 31 मार्च 2026 की डेडलाइन तय कर दी है। ऐसे में बस्तर में लगातार ऑपरेशन लॉन्च किए जा रहे हैं। नक्सलियों की मौजूदगी के सटीक इनपुट मिल सकें, इसके लिए भी पूरी पुख्ता व्यवस्था के साथ रणनीति भी तय की गई है। किसी भी स्थिति में इस डेड लाइन से पहले बस्तर सहित पूरे देश को नक्सलवाद से मुक्त करने ऑपरेशन पर ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं।