पौल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मेम्बर सिकरेट्री अरुण प्रसाद ने दिया नौकरी से इस्तीफा, प्रायवेट सेक्टर में जाने की चर्चा…

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रायपुर। अरुण प्रसाद 2006 बैच के आईएफएस अधिकारी हैं। वे दंतेवाड़ा और राजनांदगांव के डीएफओ रह चुके हैं। 2016 में डेपुटेशन पर पौल्यूशन कंट्रोल बोर्ड में मेम्बर सिकरेट्री बने, उसके बाद पिछले 10 साल से वन विभाग से बाहर चल रहे हैं।

अरुण प्रसाद रमन सिंह की तीसरी पारी में काफी प्रभावशाली रहे तो भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार में वे सीएसआईडीसी के एमडी रहने के साथ ही पौल्यूशन बोर्ड के मेम्बर सिकरेट्री रहे। विष्णुदेव सरकार में भी वे वही हैसियत रखते हैं। अरुण प्रसाद लगातार तीसरी सरकार में पौल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मेम्बर सिकरेट्री हैं। पौल्यूशन कंट्रोल बोर्ड काफी महत्वपूर्ण पोस्टिंग होती है।

बहरहाल, इस्तीफे के बाद राज्य सरकार जहां-जहां वे पोस्टेड रहे हैं, वहां से एनओसी मंगा रही है। इसके बाद भारत सरकार को पत्र भेजा जाएगा। भारत सरकार की औपचारिक स्वीकृति के बाद उनका इस्तीफा स्वीकार हो जाएगा। राज्य सरकार द्वारा एनओसी मांगे जाने के बाद ही उनका इस्तीफा सार्वजनिक हुआ। आईएफएस के व्हाट्सएप ग्रुप में एनओसी का लेटर पोस्ट हुआ, इसके बाद खबर वायरल हो गई।

इस्तीफा स्वीकृत होने के बाद अरुण प्रसाद का भविष्य का प्लान क्या है, इस बारे में अभी कोई ठोस जानकारी नहीं है। उनसे जुड़े लोग भी इस बारे में अनभिज्ञता जता रहे हैं। मगर आईएफएस गलियारों में चर्चाएं उनके अदाणी ग्रुप में जाने की भी हो रही है। लोग अमन सिंह से जोड़कर इसे देख रहे हैं। अमन सिंह जब छत्तीसगढ़ में ताकतवर भूमिका में थे, तो अरुण प्रसाद उनके नजदीक थे। हालांकि अरुण प्रसाद के अदाणी ग्रुप में जाने की पुष्टि नहीं करता।