विश्व पर्यटन दिवसः छत्तीसगढ़ में पर्यटन की असीम संभावनाएं..
रायपुर। प्रतिवर्ष 27 सितंबर को मनाए जाने वाले विश्व पर्यटन दिवस पर अलग-अलग विषय निर्धारित किए जाते हैं ताकि विषय के अनुरूप पूरे वर्षभर, पर्यटन विकास के विभिन्न आयामों पर कार्य किया जा सके और साथ ही पर्यटन के प्रति आम लोगों में रुचि जागृत की जा सके… इसी क्रम में इस बार का विषय है पर्यटन और ग्रामीण विकास
छत्तीसगढ़ के संदर्भ में यह विषय काफी उपयुक्त है, क्योंकि छत्तीसगढ़ के अधिकांश पर्यटन स्थल ग्रामीण इलाकों में स्थित है इसके साथ ही पर्यटन विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा विभिन्न पर्यटन विकास कार्यों के अलावा ग्रामीण पर्यटन पर आधारित विकास कार्य भी किए जा रहे हैं। जिसके अंतर्गत हाल ही में तीन इको-एथनिक रिसॉर्ट का लोकार्पण मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा किया गया है। इन रिजॉर्ट्स को ग्रामीण परिवेश के अनुरूप ढाला गया है, ताकि पर्यटकों को उच्च स्तरीय सुविधा के साथ-साथ जनजातीय समुदाय की जीवन शैली को अनुभव करने का आनंद प्राप्त हो सके…
कोरोना महामारी के वैश्विक संकट के इस दौर में केवल भारत ही नहीं बल्कि विश्व की अर्थ व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। किसी भी राज्य के आर्थिक विकास में पर्यटन की विशेष भूमिका होती है और वर्तमान दौर में पर्यटन उद्योग आर्थिक रूप से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। लेकिन इन सबके बावजूद छत्तीसगढ़ शासन ने विकास की गति को अवरूद्ध नहीं होने दिया है। लॉकडाउन के विभिन्न चरणों के दौरान पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं..
इन्हीं उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश की पर्यटन नीति 2020 तैयार की गई है। इस पर्यटन नीति के तहत मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ में पर्यटन विकास के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान करना, ग्रामीण पर्यटन का विकास करना स्थानीय लोगों को गाइड ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत पर्यटन उद्योग से जोड़ना है ताकि पर्यटन विकास के सार्थक परिणाम मिल सके। पर्यटकों के लिए होमस्टे की योजना पर कार्य किया जा रहा है, ताकि ग्रामीण अंचल और जनजाति समुदाय की जीवन शैली, परिवेश और स्थानीय खानपान से पर्यटकों को अनुभव प्राप्त हो सके।
राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना राम वन गमन पर्यटन परिपथ निर्माण के प्रथम चरण में 9 स्थलों का चयन कर विकास कार्यों हेतु 4 स्थलों का डीपीआर तैयार किया जा कर भगवान राम के ननिहाल चंदखुरी में विकास कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। सिरपुर को बुद्धिस्ट सर्किट के रूप में विकसित किए जाने हेतु डीपीआर तैयार किया जा रहा है।
ग्रामीण संस्कृति,रहन-सहन,खानपान और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होम स्टे एवं ट्राइबल टूरिस्ट सर्किट के तहत पराठा को को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए तैयारी की गई है। पर्यटन के क्षेत्र में आय के स्रोत बढ़ाने और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए वाटर टूरिज्म और एडवेंचर टूरिज्म की गाइडलाइन तैयार की गई है, जिसके तहत मुरूमसिल्ली डैम धमतरी, हसदेव बांगो डैम सतरेंगा- कोरबा, संजय गांधी जलाशय खुटाघाट रतनपुर, गंगरेल धमतरी, सरोधा डैम कबीरधाम, समोधा बैराज रायपुर, कोडार डैम रायपुर, मलानिया डैम गौरेला, दुधावा डैम कांकेर में वाटर टूरिज्म के विकास की पर्याप्त संभावनाओं को देखते हुए अध्ययन कर रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया है।
राज्य में क्रूज टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए बोट्स और क्रूज के टेंडर की कार्रवाई की गई है। मां बमलेश्वरी मंदिर डोंगरगढ़ ष्प्रसाद योजनाष् के विकास के तहत भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय से सैद्धांतिक अनुमोदन प्राप्त हो चुका है इसकी आगामी कार्रवाई पूर्णता की ओर है। सस्टेनेबल टूरिज्म और रिस्पांसिबल टूरिज्म की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने की योजना तैयार की गई जिसका क्रियान्वयन शीघ्र किया जाएगा।
नेशनल काउंसिल फॉर होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी नई दिल्ली द्वारा होटल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (आईएचएम) रायपुर को हाल ही में मान्यता प्रदान करते हुए डिग्री एवं तीन प्रकार के डिप्लोमा कोर्स प्रारंभ करने की अनुमति दी गई है, जिसके तहत आगामी 1 अक्टूबर से अध्यापन कार्य प्रारंभ किए जाने हेतु वैकल्पिक तैयारियां पूर्ण कर ली गई है।
इस तरह पर्यटन विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कोरोना महामारी के संक्रमण काल के पश्चात पर्यटन को गति प्रदान करने के लिए लगातार प्रयास जारी है जिसका सुखद परिणाम निकट भविष्य में देखने को मिलेगा और राज्य के पर्यटन स्थलों को संपूर्ण सुख सुविधाओं के साथ वैश्विक स्तर पर पहचान मिलेगी।