सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक, चुनाव आयोग लेगा रैलियों पर फैसला
नई दिल्ली (एजेंसी)। उच्चतम न्यायालय ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें उसने राजनीतिक दलों से विधानसभा उपचुनाव के लिए रैलियों को जमीनी स्तर पर करने की बजाय ऑनलाइन करने को कहा था। शीर्ष अदालत ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर उचित कदम उठाने के लिए इसका फैसला चुनाव आयोग पर छोड़ दिया है। बता दें कि राज्य में 28 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इसी के चलते राजनीतिक पार्टियां प्रचार करके जनता से अपने पक्ष में वोट देने की अपील कर रहे हैं।
Supreme Court stays Madhya Pradesh High Court's order directing political parties to switch to virtual campaigning for by-elections in the State and leaves it to the Election Commission to take appropriate steps in view of #COVID19 pandemic.
— ANI (@ANI) October 26, 2020
क्या है पूरा मामला
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर पीठ ने कोरोना महामारी के बीच सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) को सुनिश्चित करने के लिए चुनावी रैलियों में 100 से अधिक लोगों को शामिल करने वाली किसी भी राजनीतिक रैली के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति दी थी।
ग्वालियर पीठ के न्यायमूर्ति शील नागू और न्यायमूर्ति राजीव कुमार श्रीवास्तव की पीठ ने अधिवक्ता आशीष प्रताप द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कोरोना वायरस महामारी को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया था। अदालत ने कहा था कि यदि किसी राजनीतिक दल द्वारा इस नियम का उल्लंघन किया जा रहा है, तो कोई भी व्यक्ति सबूत के रूप में फोटो ले सकता है और पास के पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करा सकता है।
चुनाव आयोग भी पहुंचा था उच्चतम न्यायालय
उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए चुनाव आयोग ने बीते गुरुवार को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। चुनाव आयोग ने तर्क दिया था कि उच्च न्यायालय का 20 अक्तूबर का आदेश शीर्ष अदालत द्वारा लगातार दिए गए आदेशों की अवहेलना करता है। आयोग ने कहा सर्वोच्च अदालत अपने आदेशों में यह कहता रहा है कि चुनाव आयोग चुनाव प्रक्रिया के संचालन और पर्यवेक्षण के लिए एकमात्र प्राधिकरण है और बहु-स्तरीय चुनाव प्रक्रिया में अदालतों को हस्तक्षेप करने से रोकता है।