टीआरपी पर केंद्रीय मंत्री जावडेकर का बड़ा बयान, 50 हजार घरों से 22 करोड़ की राय नहीं माप सकते?
नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने पत्रकारिता के छात्रों को सनसनीखेज और टीआरपी केंद्रित पत्रकारिता में न फंसने का सुझाव दिया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि टीआरपी-केंद्रित पत्रकारिता अच्छी नहीं है। 50,000 घरों में स्थापित मीटर से 22 करोड़ की राय को नहीं माप सकते। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने भारतीय जनसंचार संस्थान(आईआईएमसी) में सत्र 2020-21 के ओरिएंटेशन प्रोग्राम का शुभारंभ करते हुए कहा, “पत्रकारिता एक जिम्मेदारी है, न कि लोगों को गुमराह करने का उपकरण। अगर आपकी कहानी तथ्यों पर आधारित है तो किसी नाटक या सनसनी की जरूरत नहीं है।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा समाज में जो कुछ भी अच्छा हो रहा है, उसे भी समाचार में जगह मिलने की बात कहते हुए स्वस्थ पत्रकारिता के कौशल को सुनिश्चित करने पर जोर दिया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने मीडिया में सकारात्मक कहानियों के सामने न आने पर अफसोस जाहिर किया। उन्होंने कहा कि समाज में बहुत सारी रचनात्मक कहानियां हैं, लेकिन दुख की बात है कि मीडिया में किसी के पास उन्हें प्रकाशित करने का समय नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने रचनात्मक पत्रकारिता के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि, “नीम कोटिंग शुरू होने के बाद से उर्वरकों की कालाबाजारी नहीं होती। मानव रहित रेलवे फाटकों पर नियमित दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिली है।
स्वच्छता के मोर्चे पर भी रेलवे में भारी बदलाव है। लगभग 5000 रेलवे स्टेशनों में अब वाई-फाई की सुविधा है और देश भर में करीब 100 एयरपोर्ट लाभकारी साबित हो रहे हैं। क्या ये सब खबर नहीं है?”इससे पूर्व आईआईएमसी के डायरेक्टर जनरल प्रो. संजय द्विवेदी ने केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर का कार्यक्रम में स्वागत किया। एडीजी के सतीश ने छात्रों को आईआईएमसी के बारे में अवगत कराया।