RBI गवर्नर का बड़ा ऐलान, अगले हफ्ते से बदल जाएगा पैसों के लेन-देन से जुड़ा ये नियम

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को प्रमुख ब्याज दर यानी रेपो रेट चार फीसदी पर बरकरार रखने की घोषणा की। आरबीआई ने लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। रिवर्स रेपो रेट में भी कोई बदलाव नहीं हुआ है।केंद्रीय छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में लिए गए फैसले के बाद आरबीाई गनर्वर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट चार फीसदी पर बरकरार रखने की घोषणा की। रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालीन ऋण मुहैया करवाता है। वहीं, रिवर्स रेट पर वह ब्याज दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों से जमा प्राप्त करता है।

आरबीआई का रेपो रेट इस समय 4 फीसदी है जबकि रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में आगे भी समायोजी रुख बनाए रखने का संकेत दिया है।आरबीआई एमपीसी की तीन दिन से जारी बैठक के बाद आज आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) को 24x7x365 उपलब्ध कराने का ऐलान किया है. यह सुविधा अगले हफ्ते से लागू हो जाएगी. मतलब सीधा है कि अब आप RTGS के माध्यम से चौबीसों घंटे मनी ट्रांसफर कर सकेंगे. बता दें कि वर्तमान में RTGS सिस्टम महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को छोड़कर हफ्ते के सभी कामकाजी दिनों में सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक उपलब्ध होता है.

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास बैठक के बाद आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे है. जिसमें कई अहम फैसले लिए गए हैं. RTGS को 24 घंटे उपलब्ध कराने के अलावा बैठक में RBI ने ब्याज दरों में फिलहाल कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया गया है. इस वक्त रेपो रेट 4% और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी है. कैश रिजर्व रेशियो 3% और बैंक रेट 4.25% है.

बड़े काम की है RTGS सर्विस
RTGS यानी रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट के जरिए तुरंत फंड ट्रांसफर किया जा सकता है. यह बड़े ट्रांजेक्शंस में काम आता है. RTGS के जरिए 2 लाख रुपये से कम अमाउंट ट्रांसफर नहीं हो सकता है. इसे ऑनलाइन और बैंक ब्रांच दोनों माध्यमों से इस्तेमाल किया जा सकता है. इसमें भी किसी तरह का फंड ट्रांसफर शुल्क नहीं हैं. लेकिन ब्रांच में RTGS से फंड ट्रांसफर कराने पर शुल्क देना होगा.

पिछले साल NEFT को 24 घंटे उपलब्ध किया गया था
इससे पहले पिछले साल दिसंबर में नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) सिस्टम को 24x7x365 उपलब्ध कराया गया था. आरबीआई ने अपनी पॉलिसी में कहा कि उस समय से सिस्टम सुचारू रूप से काम कर रहा है. केंद्रीय बैंक के मुताबिक, भारतीय वित्तीय बाजारों के वैश्विक एकीकरण के लक्ष्य को समर्थन देने के लिए चल रहे कामों को समर्थन देने, भारत के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय केंद्रों को विकसित करने की कोशिशों और घरेलू कॉरपोरेट और संस्थानों के लिए बड़े स्तर पर भुगतान की फ्लैक्सिबिटी उपलब्ध कराने के लिए यह फैसला किया गया है.

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