छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन का 19 को राजधानी में विराट धरना-प्रदर्शन

रायपुर। तीसरे चरण के आंदोलन के लिये छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन से संबद्ध संगठनों ने मोर्चाबंदी शुरू कर दिया है। सरकार के रवैये क्षुब्ध फेडरेशन ने रायपुर में बैठक कर 19 दिसंबर को राजधानी में विराट धरना-प्रदर्शन एवं वादा निभाओ महारैली के रणनीति को अंतिम रूप दिया है।उल्लेखनीय है कि 14 सूत्रीय माँगो को लेकर फेडरेशन ने कलम रख मशाल उठा आंदोलन के तहत प्रथम दो चरणों का आंदोलन कर सरकार को कर्मचारी-अधिकारियों के मनःस्थिति से अवगत करा दिया है।
फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा,सचिव राजेश चटर्जी एवं मुख्य प्रवक्ता विजय झा का कहना है कि सरकार जमीनी कार्यालयों में सेवा देने वाले कर्मचारियों के हितों को नजरअंदाज कर रही है। उनका कहना है कि जहां एक तरफ राज्य के विकास में प्रभावी भूमिका निभाने वाले शासकीय सेवकों का आर्थिक शोषण हो रहा है तो वहीं दूसरे तरफ वेतन विसंगति,नियमितीकरण एवं अनिवार्य सेवाशर्तों एवं सेवालाभ से भी वे वंचित हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री के आश्वासन के बावजूद शासकीय सेवकों की उपेक्षा से आक्रोश बढ़ रहा है। शासकीय योजनाओं को अमलीजामा पहनाने वालों की अनदेखी ठीक नहीं है।
उन्होंने बताया कि 19 दिसंबर को तीसरे चरण के आंदोलन को सफल करने विशेष रणनीति के तहत जिला संयोजकों का जिलों में बैठकों का दौर जारी है। इसी कड़ी में रायपुर संभाग प्रभारी सतीश मिश्रा, राजेश चटर्जी दुर्ग,कैलाश चौहान बस्तर,पी आर यादव बिलासपुर एवं ओंकार सिंह सरगुजा अपने प्रभार क्षेत्र के जिला संयोजकों से संपर्क में हैं। संभाग संयोजक अजय तिवारी रायपुर,आनंद मूर्ती झा दुर्ग, गजेंद्र श्रीवास्तव बस्तर, डॉ बी पी सोनी बिलासपुर एवं कौशलेंद्र पाण्डेय सरगुजा आंदोलन में जिलेवार भागीदारी की समीक्षा कर रहे हैं। 19/12 के आंदोलन की तैयारी का जायजा लेने प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा बिलासपुर में 16 दिसंबर,रायपुर में 17 दिसंबर एवं दुर्ग में 18 दिसंबर को बैठक लेंगे।इंद्रावती भवन में कमल वर्मा के नेतृत्व में नवा रायपुर स्थित विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की गई।
*गौरतलब है कि,कोरोना काल का बहाना बनाकर सरकार शासकीय सेवकों के सुविधाओं में कटौती कर रही है लेकिन अन्य व्यय बेरोकटोक जारी है।*

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