उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्य प्रदेश में भी लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की ओर शिवराज सरकार ने बढ़ाए कदम

भोपाल (एजेंसी)। उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्य प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की ओर शिवराज सिंह चौहान सरकार ने अपने कदम बढ़ा दिए हैं। मध्य प्रदेश में लव जिहाद विरोधी विधेयक ‘धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020Ó  (मप्र फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट 2020) को शिवराज कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई एक विशेष बैठक में इस विधेयक को मंजूरी दी गई है। इसके कानून बनने के बाद 1 से पांच साल की सजा हो सकती है और कम से कम 25 हजार रुपए जुर्माना हो सकता है।

कितनी होगी सजा?

किसी भी व्यक्ति द्वारा अधिनियम की धारा 03 का उल्लंघन करने पर 01 वर्ष से 05 साल की सजा और कम से कम 25 हजार रूपए का जुर्माना लगेगा। नाबालिग, महिला और एससी/एसटी केस में 02 से 10 साल तक की जेल और कम से कम 50 हजार रुपए जुर्माना प्रस्तावित किया गया है। इसी तरह अपना धर्म छुपाकर ऐसा प्रयास करने पर 03 से 10 साल तक की जेल और कम से कम 50 हजार रुपए जुर्माना लगेगा। सामूहिक धर्म परिवर्तन (02 या अधिक व्यक्ति का) का प्रयास करने पर 05 से 10 साल जेल और कम से कम 01 लाख रूपए के अर्थदण्ड का प्रावधान किया जा रहा है।

यह कहती है धारा-03
प्रस्तावित ‘म.प्र. धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम ‘ की धारा 03 के तहत कोई भी व्यक्ति दूसरे को दिगभ्रमित कर, प्रलोभन, धमकी, बल, दुष्प्रभाव, विवाह के नाम पर या अन्य कपटपूर्ण तरीके से प्रत्यक्ष या उसका धर्म परिवर्तन या इसका प्रयास नहीं कर सकेगा। कोई भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन किए जाने का बढ़ावा या षड्यंत्र नहीं करेगा।

धर्म परिवर्तन के पूर्व घोषणा

प्रस्तावित अधिनियम के अनुसार स्वतंत्र इच्छा से धर्म परिवर्तन की दशा में धर्म परिवर्तन की इच्छा रखने वाले व्यक्ति और धार्मिक पुजारी या व्यक्ति जो धर्म परिवर्तन आयोजित करने का आशय रखता हो को, उस जिले के जिला मजिस्ट्रेट को जहाँ धर्म परिवर्तन संपादित किया जाना हो, एक माह पूर्व घोषणा पत्र/सूचना पत्र देना बंधनकारी होगा।

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