जियो के मोबाइल टावरों को बनाया जा रहा निशाना, रिलायंस ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
रिलायंस ने कहा- कृषि कानूनों से कोई लेना-देना नहीं
नई दिल्ली । कृषि कानूनों के विरोध में पिछले कुछ दिन से पंजाब में जियो के मोबाइल टावरों को निशाना बनाया जा रहा था। अब रिलायंस इंडस्ट्रीजल लिमिटेड ने अपनी सब्सिडियरी कंपनी रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड के जरिए पंजाब और हरियाण हाई कोर्ट में उपद्रवियों पर सरकारी प्राधिकरणों द्वारा तत्काल हस्तक्षेप करने के लिए याचिका दायर की है। इससे पहले कंपनी ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की थी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने सोमवार को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में अपनी सब्सिडरी जियो इंफोकॉम के जरिए दायर याचिका में कहा कि नए तीन कृषि कानूनों का कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है और न ही उसे किसी भी तरह से इनका कोई लाभ पहुंचता है। अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कोर्ट में रिलायंस ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, रिलायंस रिटेल लिमिटेड (RRL), रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड (RJIL) और रिलायंस से जुड़ी कोई भी अन्य कंपनी न तो कॉरपोरेट या कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग करती है और न ही करवाती है। इस बिजनेस में उतरने की भी कंपनी की कोई योजना नहीं है।
मामले में कंपनी ने कहा कि उपद्रवियों की वजह से हजारों कर्मचारियों पर खतरा बढ़ गया है। दोनों राज्यों में इन्होंने जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर, सेल्स और सर्विसेज आउटलेट्स पर तोडफ़ोड की है। कंपनी ने कहा है कि मौजूदा किसान आंदोलन के आड़ में व्यापार प्रतिद्वंदी अपनी चाल चलने में लगे हैं। कंपनी ने नए कृषि कानून को लेकर स्पष्टीकरण भी जारी किया है।