PM मोदी ने WDFC के रेवाड़ी-मदार रेलखंड का किया लोकार्पण, कहा- नए साल में दो मेड इन इंडिया वैक्सीन की विकसित

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) के रेवाड़ी-मदार रेलखंड का लोकार्पण कर डबल स्टैक कंटेनर ट्रेन के परिचालन की शुरूआत की। हरियाणा और राजस्थान में 306 किमी लंबा यह ट्रैक गुजरात के पोर्ट्स को उत्तर भारत से जोड़ने में सहायक होगा। इस ट्रैक पर सौ किमी प्रति घंटा की गति से मालगाड़ियां चलेंगी। प्रधानमंत्री मोदी ने नए साल में देश के आगाज को अच्छा बताते हुए कहा कि आने वाला समय और शानदार, जानदार होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीयों से न रुकने और न थमने का आह्वान करते कहा कि देश के इंफ्रास्ट्रक्च र को आधुनिक बनाने के लिए चल रहे महायज्ञ ने आज एक नई गति हासिल की है। इस वर्चुअल कार्यक्रम में हरियाणा और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों के केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, गजेंद्र सिंह शेखावत भी शामिल हुए।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के इस प्रोजेक्ट को 21वीं सदी में भारत के लिए गेमचेंजर के रूप में देखा जा रहा है। पांच से छह वर्षों में कड़ी मेहनत के बाद इसका एक हिस्सा हकीकत बन चुका है। पिछले दिनों भावपुर-न्यू खुर्जा सेक्शन शुरू होने से मालगाड़ियों की स्पीड 90 किमी प्रति घंटा दर्ज की गई। जिस रास्ते में सिर्फ 25 किमी प्रति घंटे की औसत स्पीड रही हो, वहां पहले से तीन गुना ज्यादा तेज गति से मालगाड़ी चलने लगी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत को पहले के मुकाबले, विकास की यही स्पीड चाहिए। देश को ऐसी ही प्रगति चाहिए। आज हरियाणा और राजस्थान के बीच डबल स्टेट कंटेनर मालगाड़ी रवाना की गई है – यानी डिब्बे के ऊपर डिब्बे वाली यह मालगाड़ी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ ही दिन पहले भारत ने कोरोना की मेड इन इंडिया वैक्सीन स्वीकृत की है। इसने देशवासियों में नया आत्मविश्वास पैदा किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 2021 के आरंभ से ही यह तेजी, आत्मनिर्भरता के लिए ये गति देखकर, सुनकर कौन हिंदुस्तानी होगा, कौन मां भारती का लाल होगा, जिसका माथा गर्व से ऊंचा नहीं होगा। आज हर भारतीय का आह्वान है – न हम रुकेंगे, न हम थकेंगे, हम सब मिलकर और तेजी से आगे बढ़ेंगे। जब नए साल में देश का आगाज अच्छा है, तो आने वाला समय भी शानदार और जानदार होना तय है। कोरोना वैक्सीन को लेकर पीएम मोदी ने कहा, कुछ ही दिन पहले भारत ने कोरोना की दो मेड इन इंडिया वैक्सीन को मंजूरी दी है। भारत की अपनी वैक्सीन ने देशवासियों में आत्मविश्वास पैदा किया है।

 एनसीआर के लिए नया अवसर

पहले हमारे यहां रेलवे में बुकिंग से लेकर यात्रा समाप्ति तक शिकायतों का ही अंबार रहता था। साफ-सफाई, समय पर ट्रेन चले, सुविधा, सुरक्षा हर स्तर पर रेलवे में बदलाव करने की मांग होती रही। बदलाव के इन कामों को बीते वर्षों में गति दी गई है।
पिछले छह वर्षों में, रेल नेटवर्क के चौड़ीकरण पर किया गया निवेश अभूतपूर्व है। इसने भारतीय रेलवे के दायरे को चौड़ा किया है और हमारी ट्रेनों की गति को बढ़ाया है। वह दिन दूर नहीं जब पूर्वोत्तर राज्यों की सभी राजधानियों को ट्रेनों से जोड़ा जाएगा।
आज का दिन एनसीआर, हरियाणा और राजस्थान के किसानों, उद्यमियों, व्यापारियों के लिए नए अवसर लाया है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर चाहे ईस्टर्न हो या वेस्टर्न ये सिर्फ मालगाड़ियों के लिए आधुनिक रूट नहीं हैं। ये देश के तेज विकास के कॉरिडोर हैं।

 जापान को धन्यवाद

आज हाईवे, रेलवे, एयर वे, वॉटर वे की कनेक्टिविटी पूरे देश में पहुंचाई जा रही है और तेजी से पहुंचाई जा रही है। अपने पोर्ट्स को ट्रांसपोर्ट के अलग अलग माध्यमों से कनेक्ट किया जा रहा है।
जापान और जापान के लोग हमेशा विकास की दिशा में भारत की यात्रा में एक मित्र के रूप में खड़े हुए हैं। आर्थिक सहायता प्रदान करते हुए, जापान ने वेस्टर्न डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर में तकनीकी सहायता के साथ हमारी मदद की है। मैं जापान और उसके लोगों को धन्यवाद देता हूं।
जब रेलवे की बात आए और पटरियों की चर्चा न हो ये संभव नहीं है। आज भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर का काम दो पटरियों पर एक साथ चल रहा है। एक पटरी व्यक्तियों के विकास को आगे बढ़ा रही है, दूसरी पटरी से देश के ग्रोथ को नई ऊर्जा मिल रही है।

आज भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर का काम 2 पटरियों पर एकसाथ चल रहा है। एक पटरी इंडीविजुअल व्यक्ति के विकास को आगे बढ़ा रही है और दूसरी पटरी पर देश के ग्रोथ इंजन को नई ऊर्जा मिल रही है। ये फ्रेट कॉरिडोर 9 राज्यों में 133 रेलवे स्टेशनों को कवर करते हैं। इन स्टेशनों में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क, फ्रेट टर्मिनल, कंटेनर डिपो, कंटेनर टर्मिनल और पार्सल हब का विकास अन्य आधुनिक बुनियादी ढांचे के बीच होगा। हम जानते हैं कि आधुनिक बुनियादी ढांचा जीवन के साथ-साथ उद्योग के लिए भी और हमारे जीवन को आगे ले जाने के लिए आवश्यक है। इनसे संबंधित कार्य अर्थव्यवस्था के कई मोर्चों जैसे सीमेंट, स्टील और अन्य सहायक उद्योगों की मदद करते हैं।

जब नए साल में देश का आगाज अच्छा है। तो आने वाला समय भी शानदार और जानदार होना तय है। इतने शिलान्यास इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि भारत ने ये सब कोरोना संकट के कालखंड में किया है। इस समर्पित फ्रेट कॉरिडोर को अगले दशक में भारत के लिए एक गेमचेंजर के रूप में देखा जा रहा है। पिछले 5-6 सालों में बहुत मेहनत करने के बाद यह फलने-फूलने लगा है। भारत को सभी मोर्चों पर विकास के लिए 3 गुनी गति की आवश्यकता है। कुछ दिनों पहले, ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर में 90 किमी/ घंटा से अधिक की गाड़ियों की रजिस्टर गति देखी गई है, जो कि पुरानी गति से 3 गुना अधिक है।

दो मेड इन इंडिया टीके को मंजूरी दी

कुछ दिनों पहले, भारत ने कोविड-19 के लिए दो मेड इन इंडिया के टीके को मंजूरी दी, इसने भारतीयों को नए सिरे से आत्मविश्वास प्रदान किया। ये सभी प्रयास और कदम भारत को आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। दिल्ली मैट्रो की एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर नेशनल कॉमन मॉबिलीट कार्ड की शुरुआत और ड्राइवरलेस मैट्रो की शुरुआत हुई। गुजरात के राजकोट में एम्स और ओडिशा में आईआईएम के स्थाई कैंपस की शुरुआत हुई। देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए चल रहे महायज्ञ ने आज एक नई गति हासिल की है। बीते 10-12 दिन की ही बात करें तो आधुनिक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से किसानों के खातों में सीधे 18,000 करोड़ रुपये से ज्यादा ट्रांसफर किए गए हैं।