जिला अस्पताल की हालत बदतर, मुर्दो को नहीं मिल रही शमशान में जगह
दुर्ग:- प्रदेश में रोजाना औसतन 40 हजार सैंपल जांचे जा रहे हैं। एक्टिव मरीजों के मामले में दुर्ग टॉप पर है। वहां 10489 मरीजों का इलाज अस्पताल व घर में चल रहा है। दूसरे नंबर पर रायपुर है, जहां 8437 लोगों का घर और अस्पताल में इलाज चल रहा है। कोरोना सेल के मीडिया प्रभारी डॉ. सुभाष पांडेय व सीनियर कैंसर सर्जन डॉ. युसूफ मेमन के अनुसार संक्रमण की दर बढ़ने से प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट 8 फीसदी के आसपास है। वहीं मृत्यु दर भी 1.2 फीसदी है। आने वाले कुछ दिनों में संक्रमण घटने की संभावना नहीं है। ऐसे में जरूरी एहतियात बरतकर केस कम कर सकते हैं।
शुक्रवार की सुबह दुर्ग जिला अस्पताल की मरच्यूरी में कुल 22 शव कोरोना के संदिग्ध मरीजों के 12 बाई 18 के कमरे में रखे गए थे। इसमें 8 शव फ्रिजर और शेष 14 शव खुले में बेतरतीब ढंग से पड़े हुए थे।
ये सारी मौतें गुरुवार की शाम 4 बजे से शुक्रवार की सुबह 7 बजे के मध्य हुईं। जिला अस्पताल में इस समय हालत ऐसी है कि शव रखने की जगह नहीं है।
आनन-फानन में शवों को अब प्रशासन ने इधर-उधर जलाना शुरू कर दिया है।