लोकसभा निर्धारित समय से एक दिन पहले अनिश्चित काल के लिए स्थगित
नई दिल्ली। लोकसभा की कार्यवाही निर्धारित समय से एक दिन पहले बुधवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह 11 बजे सदन के शुरू होने के तुरंत बाद ,स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सदन शीतकालीन सत्र के समापन की ओर बढ़ रहा है।सदस्यों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस सत्र के दौरान सदन के 83 घंटे 12 मिनट के 18 सत्र हुए। सदन की उत्पादकता 82 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि विरोध के कारण 18 घंटे 46 मिनट का नुकसान हुआ। इस अवधि के दौरान, सदन में 12 विधेयक पेश किए गए जबकि नौ विधेयक पारित किए गए जिनमें तीन कृषि कानूनों को वापस लेना, प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो के निदेशकों के सेवा कार्यकाल के विस्तार से संबंधित विधेयक, चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (संशोधन) विधेयक और अनुदान की अनुपूरक मांग शामिल हैं। बिड़ला ने सदन को सूचित किया कि 2 दिसंबर को सदन ने 204 प्रतिशत की उच्चतम उत्पादकता दर्ज की।
उन्होंने यह भी कहा कि शीतकालीन सत्र के दौरान, सरकार द्वारा कुल 91 तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए, प्रश्नकाल के दौरान 563 प्रश्नों के उत्तर दिए गए जबकि नियम 377 के तहत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।स्पीकर ने बताया कि विभाग संबंधी स्थायी समिति के 44 प्रतिवेदन सदन में प्रस्तुत किए गए और 2,058 पत्र मंत्रियों द्वारा रखे गए।स्पीकर ने कहा, “सदन ने कोविड-19 की स्थिति और जलवायु परिवर्तन पर भी चर्चा की। कोविड पर चर्चा 12 घंटे लंबी थी जिसमें 99 सदस्यों ने भाग लिया और सदन के साथ अपने अनुभव साझा किए। जलवायु परिवर्तन पर चर्चा छह घंटे से अधिक समय तक हुई और चर्चा अनिर्णायक रही।उन्होंने यह भी बताया कि मंगोलियाई संसद के अध्यक्ष गोम्बोजव जंडनशतर के नेतृत्व में छह सदस्यीय मंगोलियाई संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने संसद का दौरा किया और 1 दिसंबर को लोकसभा की कार्यवाही देखीसदन ने गैर-सरकारी सदस्य विधेयकों पर भी अपनी चर्चा जारी रखी। लोकसभा स्पीकर ने कहा कि भाजपा सदस्य जनार्दन सिंह सिग्रीवाल द्वारा लाए गए विधेयक और अनिवार्य मतदान पर और बसपा सदस्य रितेश पांडे द्वारा लाए गए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लाभों पर चर्चा हुई, लोकसभा स्पीकर ने कहा कि बहस बेनतीजा रही।