थोक व्यापारी व दुकानदार नहीं ले रहे एक रुपये के छोटे सिक्के
दुर्ग (चिन्तक)। प्रदेश में एक रुपये के छोटे सिक्के व 10 रुपये के सिक्कों को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म है। इसका असर अब दुर्ग जिले के बाजारों में दिखने लगा है। भिलाई-दुर्ग सहित आसपास के क्षेत्रों में सामान की खरीदारी के दौरान आए दिन व्यापारियों व ग्राहकों में एक रुपये के छोटे सिक्कों को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है।
छोटे सिक्कों के लेनदेन में मना किया जा रहा है। एक रुपये के छोटे सिक्के आम लोगों व व्यापारियों के लिए परेशानी का कारण बन गए हैं। ग्राहक जब सामान लेने दुकानों पर पहुंच रहे हैं, तो अधिकांश फुटकर व थोक विक्रेता छोटे सिक्के लेने से मना कर रहे हैं। इससे दुकानदारों व ग्राहकों का विवाद आए दिन देखा जा रहा है। कई बार जब दुकानदार भी ग्राहकों को एक रुपेय के छोटे सिक्के थमाते हैं, तो ग्राहक भी लेने से मना कर दे हैं। गुमटी ठेले वाले भी एक रुपये के छोटे सिक्के लेना बंद कर दिया है। छोटे दुकानदारों का कहना है कि जब वे सामान खरीदने बड़े दुकान में जाते हैं तो दुकानदारों द्वारा एक रुपये के छोटे सिक्कों को लेने से साफ मना कर दिया जाता है। वहीं जब ग्राहक एक रुपये के छोटे सिक्के लेकर सामान खरीदने दुकान पहुंचते हैं तो ग्राहकों को वापस कर दिया जाता है।
रायपुर में 10 रुपये का सिक्का प्रचलन से बाहर
राजधानी रायपुर के कई क्षेत्रों में 10 रुपये का सिक्का प्रचलन से लगभग बाहर हो गये है। व्यापारी व उपभोक्ता दोनों ही खरीदारी सहित अन्य लेन देन में 10 रुपये के सिक्के को उपयोग में लेने से बचते नजर आते हैं। बाहर जिलों से रायपुर खरीदारी करने अन्य कार्यों से आने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दुकानदारों द्वारा उपभोक्ताओं से 10 रुपये के सिक्के न लेने के स्थिति में कई बार विवाद की स्थिति निर्मित हुई है। वहीं रायपुर की ओर से दुर्ग जिले में आने वाले लोगों को 10 रुपये के सिक्के देने पर वे साफ तौर पर लेने से यह करते हुए इंकार कर देते हैं कि रायपुर में 10 रुपये का सिक्का छोटे-बड़े सभी व्यापारी कोई नहीं लेता है। इसकी वजह से उपभोक्ता काफी परेशान है।
सिक्का नहीं लेना राजद्रोह का मामला
कोई व्यक्ति अगर आरबीआई द्वारा जारी सिक्का नहीं लेता है, या लेने से इंकार करता है तो उस पर राजद्रोह का मामला दर्ज कराया जा सकता हैं। भारत में वैध मुद्रा लेने से इनकार करने वालों पर आईपीसी की धारा 124(1) के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है। सिक्कों को कोई भी लेने से इंकार नहीं कर सकता। आरबीआई द्वारा बैंकों को भी स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। कोई दुकानदार या व्यक्ति आरबीआई द्वारा जारी सिक्का लेने से इंकार करें तो उस पर राजद्रोह का मामला दर्ज कराया जा सकता हैं।
दुकानदारों पर कार्रवाई जरूरी
बाजार में कुछ व्यापारियों द्वारा सिक्के न लिए जाने से बाजार में ऊहापोह की स्थिति बन गई है। ऐसे व्यापारियों पर प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जानी चाहिए। किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में व्यापारियों के हौसले बुलंद है।
अफवाहों व जमाखोरी के कारण एक रुपये के छोटे सिक्कों को लेने से मना किया जा रहा है। एक रुपये के छोटे सिक्के नहीं लेने वालों पर राजद्रोह का मामला दर्ज कराया जा सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने किसी भी सिक्के को बंद नहीं किया है। 1 रुपए, 2 रुपए, पांच रुपए, दस रुपए सहित अन्य सिक्के बाजार में चलन में है।