इस बार होली के रंग में भंग डालेगा चंद्र ग्रहण…..
न्यूज़रूम| फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है। इसके अगले दिन रंगो के त्योहार होली की धूम रहती है। इस साल यानि 2024 में रंगों का पर्व 25 मार्च को मनाया जाएगा लेकिन इस बार होली के रंग में भंग पड़ने वाली है क्योंकि इसी दिन साल 2024 का पहला चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है। वैसे तो ग्रहण एकमात्र खगोलीय घटना है लेकिन इसे धार्मिक शास्त्रों में शुभ नहीं माना जाता है। कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान कई प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा निकलती है, जिसका प्रभाव संपूर्ण ब्रह्मांड पर पड़ता है। इस साल होली पर चंद्र ग्रहण का लगना शुभ नहीं माना जा रहा है। ऐसे में आज इस वीडियो में आपको बताएंगे 25 मार्च को होली वाले दिन चंद्र ग्रहण कब और कहां कहां लगेगा और साथ ही इसका सूतक काल साथ ही रंगों के त्योहार पर इसका क्या प्रभाव होगा तो आईए जानते हैं-
हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि यानी 25 मार्च 2024 सोमवार को साल का पहला चंद्र ग्रहण लगेगा। यह चंद्र ग्रहण सुबह 10 बजकर 23 मिनट से शुरू होगा, जो दोपहर 3 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। हालांकि इस चंद्र ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा, जिस कारण से इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा और इसका प्रभाव भी होली के त्योहार पर नहीं होगा इसलिए आप बिना किसी चिंता के होली का त्योहार मना सकते हैं।
बता दें, 2024 का पहला चंद्र ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, अटलांटिक महासागर, प्रशांत महासागर समेत कई क्षेत्रों में नजर आएगा। भारत में यह चंद्रग्रहण नहीं दिखाई देगा।वहीं साल का आखिरा चंद्र ग्रहण भी भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए आप रंगों वाली होली खेल सकेंगे और पूर्णिमा तिथि से जुड़े पूजा-पाठ आदि भी कर सकेंगे.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया तो उससे अमृत बाहर आया। भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण करके पहले देवताओं को अमृत पान कराया लेकिन एक असुर ने भी छल से अमृत पान कर लिया। ये बात चंद्र और सूर्य देव ने भगवान विष्णु को बता दि तो उन्होंने चक्र से उस असुर का गला काट दिया। अमृत के प्रभाव के कारण वह जीवित रहा। वह राहु और केतु के नाम से जाना गया। कहा जाता है कि हर आमवस्या और पूर्णिमा को राहु-केतु सूर्य तथा चंद्र देव पर ग्रहण लगाते हैं।