पेट में ऐंठन, पेट फूलना हो सकते हैं तनाव के लक्षण
इन जगहों पर होता है शरीर में दर्द
नई दिल्ली। हाल ही में हुई एक रिसर्च में सामने आई है कि तनाव में शरीर में दर्द भी होता है और ये बात यदि तनाव के दौरान इन शारीरिक लक्षणों को भी ध्यान में रखा जाए तो ठीक तरह से अवसाद से निजात पाई जा सकती है। डिप्रेशन (तनाव) होने पर कई तरह के फिजीकल लक्षण दिखाई देते हैं। पेट में दर्द होने का बड़ी आसानी से गैस या मासिक पीड़ा का नाम दे दिया जाता है लेकिन इसका कारण डिप्रेशन भी हो सकता है। स्ट्रेस बढ़ने पर पेट दर्द भी बढ़ जाता है।
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के शोधकर्ताओं के अनुसार पेट में ऐंठन, पेट फूलना और मितली आदि खराब मानसिक स्वास्थ्य के संकेत हो सकते हैं। डिप्रेशन का असर आंखों पर भी पड़ता है। 2010 में जर्मनी में हुई एक रिसर्च के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य का प्रभाव आंखों की रोशनी पर भी पड़ता है। इसमें डिप्रेशन से ग्रस्त 80 मरीजों को शामिल किया गया था जिन्हें सफेद और काले रंग के बीच अंतर बताने में दिक्कत हो रही थी। ऑफिस में काम करते वक्त या स्ट्रेस के कारण सिरदर्द तो होता ही है लेकिन डिप्रेशन में भी सिर का दर्द बढ़ जाता है। इस तरह के सिरदर्द में सिर में चुभने जैसा महसूस होता है, खासतौर पर आइब्रो के आसपास। डिप्रेशन का असर पूरे शरीर पर पड़ता है और इसकी वजह से पीठ में या पूरे शरीर की मांसपेशियों में दर्द हो सकता है। 2017 में हुए एक अध्ययन में पीठ दर्द और डिप्रेशन के बीच सीधा संबंध पाया गया था। मनोवैज्ञानिकों का भी मानना है कि भावनात्मक समस्याों के कारण तेज दर्द हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि डिप्रेशन के कारण शरीर में आई सूजन मस्तिष्क के संकेतों में बाधा लाती है। वर्ष 2015 में हुए एक अध्ययन में सामने आया कि डिप्रेशन और दर्द बर्दाश्त न करने के बीच गहरा संबंध है। डिप्रेशन से ग्रस्त व्यक्ति को छोटी-छोटी चीजें भी ज्यादा दर्द देती हैं। डिप्रेशन का सबसे सामान्य लक्षण है थकान। डिप्रेशन का प्रभाव न सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है बल्कि ये पूरे शरीर को प्रभावित करता है। योग एवं ध्यान की मदद से आप इस मुश्किल स्थिति से निकल सकते हैं। डिप्रेशन से ग्रस्त कई लोगों ने इस बात को स्वीकार किया है कि योग एवं मेडिटेशन से डिप्रेशन से निकलने में काफी मदद मिलती है।अवसाद के कारण होने वाली थकान की वजह से ध्यान लगाने में दिक्कत, चिड़चिड़ापन और उदासीनता भी होने लगती है। इन्हें रातभर सोने के बाद भी सुस्ती रहती है। अगर दुख और निराशा महसूस होने के साथ थकान भी ज्यादा लग रही है तो ये डिप्रेशन का संकेत हो सकता है।