अल्जाइमर से होती हैं अनेक समस्याएं

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आम तौर पर माना जाता है कि अल्जाइमर ‘भूलने की बिमारी है’ है, लेकिन इस बीमारी के लक्षण बताते हैं कि इससे अनेक प्रकार की समस्याएं मानव शरीर में हो जाती हैं। इसके लिए ज्ररुरी है कि इस बीमारी के लक्षणों को जाना जाए। इस बीमारी के प्रमुख लक्षणों में याददाश्त की कमी होना, निर्णय लेने में परेशानी महसूस करना, बात करते हुए शुद्ध बोलने में परेशानी होना और फिर इसकी वजह से सामाजिक और पारिवारिक संबंधों में आने वाली परेशानियां भी शामिल हो जाती हैं। इस बीमारी के कारणों में ब्लड प्रेसर , शुगर, आधुनिक जीवनशैली और कई बार सिर में चोट लगने जैसे कारण भी होते हैं। यह बीमारी आमतौर पर 60 वर्ष की उम्र के आसपास होती है और इस बीमारी का अभी तक कोई स्थायी इलाज भी सामने नहीं आया है हालांकि बीमारी के शुरूआती दौर में नियमित जांच और इलाज से इस पर काबू पाने की बात जरुर होती है। अल्‍जाइमर रोग होने की पहचान जिन लक्षणों से की जा सकती है। उनमें प्रमुखत: चीजों को बार-बार भूलना, चीजों को गुमा देना, अपने नियोजनों को भूलना, शब्दों को याद ना रख पाना, चीजों को सीखने में और उन्हें याद रखने में कठिनाई आना है। इस बीमारी के चलते अधिक उन्माद होने पर आपकी पूरी दीर्घकालिक और अल्पकालिक स्मृति का नाश भी हो सकता है। इसके साथ ही अनिर्णय की स्थिति बनने लगती है। अनेक बार आप उस निर्णय वो कर जाते हैं जो कि आपको नहीं करना चाहिए उदाहरण के तौर पर गर्मी के मौसम में सर्दी के कपड़े निकालकर पहन लेना। ऐसे में यह भी होता है कि आप पैर आगे बढ़ाना भूल जाते हैं जिससे संतुलन बिगड़ जाता है और आप गिर भी सकते हैं। इससे दैनिक क्रियाओं में भी खासी दिक्कतें आने लगती हैं। इसके चलते आपकी सोच में परिवर्तन आने लगता है और आप शांत स्वभाव की बजाय आक्रामक, चिंतित या संदिग्धों जैसा व्यवहार करने लग जाते हैं। यह प्रभाव कुछ देर का होता है अत: आप पुन: सामान्य व्यक्तियों सा व्यहार करते नजर आते हैं। इस प्रकार अल्जाइमर सिर्फ भूलने की बीमारी नहीं बल्कि जिंदगी को परेशानियों में डालने वाली साबित होती है, जिससे सावधान रहते हुए समय पर इलाज कराना ही ठीक होता है।

इन दो चीजों के सेवन से दूर होगा अल्जाइमर का खतरा

इस प्रकार अल्जाइमर एक प्रकार से मानसिक रोग भी है, जिसके कारण मरीज की याददाश्त कमजोर हो जाती है और उसका असर दिमाग के कार्यों पर पड़ता है। यह डिमेंशिया का सबसे आम प्रकार है। इससे व्यक्ति की याददाश्त, सोचने की क्षमता, रोजमर्रा की गतिविधियों पर बुरा असर पड़ता है लेकिन एक रिपोर्ट में बताया गया है कि ग्रीन टी और गाजर के सेवन से अल्जाइमर के खतरे को कम किया जा सकता है। आने वाले समय में अल्जाइमर बीमारी ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले सकती है। अल्जाइमर बीमारी से जूझ रहे लोगों के व्यक्तित्व, काम करने, सोचने, चीजों को याद रखने की क्षमता प्रभावित होती है।

शोधकर्ताओं की टीम ने 2 कंपाउंड की जांच की है। पहला ईजीसीजी और दूसरा फेरुलिक एसिड।

ईजीसीजी एक तरह का एंटीऑक्सीडेंट है, जो ग्रीन टी में भरपूर मात्रा में पाया जाता है! ये कंपाउंड शरीर में फ्री रेडिकल्स को बनने से रोकता है, जिस कारण शरीर की कोशिकाएं और मॉलिक्यूल डैमेज होने से बच जाते हैं।

वहीं, पिछली कुछ स्टडी में बताया गया है कि ईजीसीजी कंपाउंड नए न्यूरॉन्स को सुरक्षित रखने में मदद करता है, जिससे याददाश्त कमजोर नहीं होती है। दूसरा कंपाउंड, फेरुलिक एसिड है। ये कंपाउंड गाजर, ओट्स और टमाटर में पाया जाता है। फेरुलिक एसिड भी एक तरह का एंटीऑक्सीडेंट है। ये एंटीऑक्सीडेंट सन बर्न, झुर्रियों समेत स्किन संबंधित कई समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।

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