मतदान में इस बार होगी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था, नक्सली खतरों से मुकाबला करने 350 कंपनियां रहेंगी तैनात

रायपुर। बस्तर में पहले चरण के मतदान में चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था होगी, जिस तरह निर्वाचन कार्यालय की तैयारियां है। इससे अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि बस्तर में मतदान का पिछला रिकॉर्ड ध्वस्त हो जाएगा, वहीं ज्यादा से ज्यादा मतदान होगा। बस्तर में वर्ष 2019 में 63.16 प्रतिशत मतदान हुआ था। नक्सली खतरों से मुकाबला करने व सुरक्षित मतदान के लिए बस्तर में इस बार 350 कंपनियां तैनात रहेगी। निर्वाचन कार्यालय ने बस्तर के 179 मतदान केंद्रों को शैडो एरिया के रूप में चिन्हित किया है। इससे पहले बस्तर लोकसभा के दंतेवाड़ा में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने दौरा करते हुए अधिकारियों की बैठक ली है।

पहले चरण में जहां बस्तर लोकसभा में चुनाव होना है, वहां प्रदेश में सबसे अधिक मतदाता लिंगानुपात है। यहां 14 लाख 72 हजार 207 मतदाताओं में सात लाख 71 हजार 679 महिला मतदाता हैं, जो कुल मतदाताओं का 52 प्रतिशत है। बस्तर में कुल 1,961 मतदान केंद्रों में से 191 संगवारी मतदान केंद्र बनाए गए हैं, वहीं 36 युवा तथा आठ दिव्यांग मतदान केंद्र निर्धारित किया गया है। निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि बस्तर जैसे दुर्गम तथा नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जिस प्रकार से महिला अधिकारी कर्मचारियों ने साहसपूर्वक चुनाव कार्य को पूरा करने निर्णय लिया है वह अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा है।