बलात्कार जैसे झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर ब्लैकमेलिंग करने वाली शातिर महिला गिरफ्तार, भय दिखाकर की गई 41 लाख रुपए की वसूली
रायपुर (चिन्तक)। जिला बलौदाबाजार-भाटापारा पुलिस ने भयादोहन कर, झूठे मामले में फंसाने की धमकी देते हुए, लाखों रुपए की वसूली करने वाले गिरोह की फरार आरोपी पुष्पमाला उम्र 27 वर्ष निवासी शिव मंदिर के पास बलौदाबाजार को गिरफ्तार किया है।
अभी भी इस गिरोह के मास्टरमाइंड सहित कई फरार है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा हर संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है।पुलिस के अनुसार मामले में 04 अन्य आरोपियों को पूर्व में ही गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरोह द्वारा भय दिखाकर और ब्लैकमेलिंग कर 41 लाख रुपए की वसूली की गई है।आरोपियों द्वारा धनाढ्य वर्ग कें लोगो को सेक्स रैकेट, बलात्कार के मामले में फंसाने के नाम पर भयादोहन कर पैसे की मांग करते थे। संपूर्ण गिरोह बहुत ही सुनियोजित तरीके से कम करता था। सभी सदस्यों के काम का बंटवारा कर सब अपनी-अपनी अलग भूमिका निभाते थे।
जानकारी के मुताबिक, थाना सिटी कोतवाली में धारा 384, 389, 34 भादवि के तहत अपराध दर्ज किया गया था। जांच में पीडि़त पक्ष के लोगों से विस्तृत पूछताछ की गई, जिसमें यह तथ्य सामने आया कि मुख्य सरगना शिरीष पांडे, मंजूलता फेकर, मोंटी उर्फ प्रत्यूष मरैया, दुर्गा टंडन, महान मिश्रा व अन्य आरोपियों द्वारा खुबसूरत लड़कियों को पीडि़तों के घर में भेजा जाता था और उनकी फोटो-वीडियो खिंच उन्हें झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर मोटी रकम उगाही की जाती थी।
इस मामले को एसपी ने संज्ञान में लिया और जांच कर आरोपियों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। पुलिस ने प्रकरण में कार्रवाई करते हुए अब तक कुल 5 आरोपियों को पकड़ा गया है, जिनसे पूछताछ पर बलौदाबाजार शहर में भयादोहन कर 41 लाख रुपए की वसूली करने की बात कबूल की है।गिरोह का मुख्य सरगना एवं मास्टर माइंड शिरीष पांडे एवं पुष्पमाला फेकर है।
मुख्य सरगना एवं मास्टरमाइंड शिरीष पांडे एवं पुष्पमाला फेकर इन दोनों आरोपियों द्वारा ही बलौदाबाजार नगर में धनवान व अन्य लोगों को चिन्हित करते थे। उसके बाद शिरीष पांडे खुद को नेता बताकर अपनी राजनीतिक पहुंच एवं पहचान का प्रभाव दिखाते हुए उनसे मेलजोल बढ़ाकर उनको लडकी उपलब्ध करने का झांसा दिया जाता था। तत्पश्चात गिरोह के सभी सदस्यों को एक्टिव कर प्रार्थी क़ो भयादोहन कर प्रार्थी से लाखों रूपये की वसूली की जाती थी।दोनों आरोपी लोकल बलौदाबाजार के निवासी है।
ये दोनों ही लड़कियों के शहर में रहने, खाने एवं अन्य सुविधाओं का इंतेजाम करते थे। इसके बाद उन लड़कियों को अपने टारगेट के पास भेज देते थे। लड़की के जाने के थोड़ी देर बाद खुद दोनों आरोपी मौके पर पहुंच कर लड़की के परिजन बताकर व्यक्ति को ब्लेकमेल पैसे की मांग करते थे। इस दौरान पीडि़त उनसे डरकर पैसे देने के लिए तैयार हो जाता था। हीराकाली नाम की महिला ही टारगेट को फंसाने के लिए लड़की का इंतजाम करती थी। यही गिरोह से संपर्क के माध्यम से लड़कियों को बुलाकर टारगेट के पास भेजती थी।
खुद को पत्रकार बताने वाला आशीष शुक्ला पत्रकारिता की आड़ में हनीट्रैप में फंसे व्यक्ति को धमकाने का काम करता था। आरोपी शुक्ला धमकी देता था कि यह कृत्य न्यूज एवं प्रेस के माध्यम से लोगों तक पहुंचा दिया जाएगा। इस प्रकार भय दिखाकर वसूली करने का काम करता था। पूछताछ में पता चला है कि आरोपी आशीष शुक्ला द्वारा एक प्रार्थी से 1,25,000 का मांग की गई थी, जिसमें पीडि़त व्यक्ति ने 75000 का भुगतान आरोपी आशीष शुक्ला के दुकान में जाकर किया था।